
चंद्रकांत/बक्सर: जिले में मार्च माह में ही गर्मी ने कहर ढाना शुरु कर दिया. बुधवार को बक्सर नगर में तापमान अधिकतम 3६ डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. मौसम की तल्खी देखते हुए माना जा रहा है कि आगामी दिनों में गर्मी और भी बढ़ेगी. बक्सर नगर के रेलवे स्टेशन रोड में एक भी चापाकल नहीं होने के कारण न सिर्फ आम राहगीरों व नागरिकों बल्कि प्रेत आत्माओं को भी पानी नसीब नहीं हो रहा है. यह बात सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन सोलह आने सच है.
सूख जाता है पानी
दरअसल, बक्सर रेलवे स्टेशन रोड के आसपास के मुहल्लों, जैसे कि आदर्श नगर, गजाधर गंज, मुसाफिर गंज तथा बाज़ार समिति रोड के निवासी अपने स्वजनों की मृत्यु के पश्चात उनके अंतिम संस्कार के दौरान घंट टांगने (पीपल के पेड़ में घड़ा टांगने) आदि की प्रक्रिया ज्योति प्रकाश चौक के समीप कटहिया पुल के पास करते हैं. यहां जो भी लोग पहुंचते हैं, उन्हें घंट टांगने के दौरान उसमें पानी भी डालना पड़ता है, लेकिन पानी की कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह उन्हें घर से ही पानी लेकर आना पड़ता है. दिक्कत तो तब होती है, जब 10 दिनों तक उन्हें घंट में पानी डालना पड़ता है, ऐसे में कई बार पानी सूख भी जाता है.
पानी देने की है परम्परा
हिन्दू रीति-रिवाज में यह मान्यता है कि मृत्यु के बाद मनुष्य की आत्मा प्रेत योनि में प्रवेश कर जाती है. श्राद्ध कर्म तक आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती, ऐसे में उन्हें तृप्त करने के लिए पानी को घड़े में डालकर कर घड़े को पीपल के पेड़ में टांग दिया जाता है. ज्योति प्रकाश चौक के समीप यही एकमात्र ऐसी जगह है, जहां इस तरह की व्यवस्था है, लेकिन यहां पानी तक की व्यवस्था नहीं होना परेशानी का कारण बनी हुई है. यहां ना तो चापाकल है और ना ही शहरी जलापूर्ति योजना की वॉटर सप्लाई पाइप, ऐसे में यहां लोग पानी के लिए तरस जाते हैं.
स्थानीय लोगों ने बताई व्यथा
गजाधर गंज निवासी राजीव कुमार बताते हैं कि इस स्थान पर लगभग चार मोहल्लों के लोग अपने मृत स्वजनों के अंतिम संस्कार के दौरान की जाने वाली क्रियाओं के लिए पहुंचते हैं, ऐसे में यहां पानी का इंतजाम बेहद आवश्यक है, ताकि यहां पहुंचने वाले लोगों के साथ ही राहगीरों को भी परेशानी हो रही है. प्रीतम कुमार बताते हैं कि पानी की आवश्यकता न सिर्फ यहां पहुंचने वाले लोगों को बल्कि इस रास्ते से गुजरने वाले लोगों को भी है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से इसके लिए ना तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ना ही नगर परिषद के द्वारा कोई पहल की जा रही है.
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