कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर चंबल अंचल में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया है और इस बीच जल संकट की आहट महसूस की जा रही है। ग्वालियर के एकमात्र जल स्रोत तिघरा डैम में सिर्फ 15 जुलाई तक का पानी बचा है। ऐसे में अन्य सहयोगी बांधों से लिफ्टिंग कर तिघरा बांध तक पानी पहुंचाने और शहर में टैंकरों से पानी की सप्लाई के लिए निगम को करोड़ों रुपए की मदद की जरूरत है। इस परेशानी से पार पाने के लिए नगर निगम ने जल संसाधन विभाग के साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार किया है। जिसे सूखा राहत मद के तहत शासन को भेजा गया। वर्तमान में तिघरा बांध से एक दिन छोड़कर शहर में पानी की सप्लाई की जा रही है।
तिघरा बांध को शहर की जीवन रेखा माना जाता है ,लेकिन इस जीवन रेखा में लोगों के लिए जरूरी पीने का पानी सिर्फ 15 जुलाई तक का ही बचा है। ऐसे में यदि आने वाले बारिश के मौसम में बरसात नहीं होती है तो गहरा जल संकट खड़ा हो सकता है। इस भीषण परेशानी से निपटने के लिए नगर निगम और जल संसाधन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। इस प्रस्ताव में ककेटो और पहसारी बांध से पानी की लिफ्टिंग के लिए 18 करोड़ वहीं टैंकरों से शहर में पानी की सप्लाई के लिए 5 करोड़ की राशि को मिलाकर कुल 23 करोड़ रुपए की मांग की गई है। सूखा राहत मद के तहत इस राशि के मिलने पर शहर की प्यास बुझाने में बड़ी मदद मिल सकेगी।
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एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई
बता दें कि ग्वालियर शहर में जल संकट से निपटने के लिए बीती 16 फरवरी 2024 को नगर निगम परिषद ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया था। जिसके तहत शहर में एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई की जा रही है। तिघरा डैम से 7.87 एमसीएफटी पानी एक दिन की सप्लाई के दौरान खत्म होता है। लिहाजा अब सिर्फ 15 जुलाई तक का पानी ही तिघरा डैम से लिया जा सकता है। ऐसे में सूखा राहत मद से मिलने वाली मदद राशि से शहर की प्यास बुझाने में आसानी होगी।
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