शिखिल ब्यौहर, भोपाल. मध्यप्रदेश के कई जिलों में खाद का संकट गहरा गया है. किसान के खाद के इंतजार में वितरण केंद्रों पर सुबह से शाम तक लाइनों में लग रहे हैं, बावजूद इसके खाद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं. आलम यह है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के जिले में भी किसानों को खाद के लिए दो चार होना पड़ रहा है.

जिलेवार रिपोर्ट में खाद की किल्लत का खुलासा हुआ है. नेताों की चुनावी व्यस्तता किसानों पर भारी पड़ रही है. अधिकांश जिलों में DAP का पर्याप्त स्टॉक नहीं है. खाद को लेकर जहां हालत खराब वहां की स्थिति की बात करें तो…केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के क्षेत्र मुरैना में भी हालत गंभीर है.

मुरैना और भिंड में 1700 मीट्रिक टन DAP, शिवपुरी में 856 मीट्रिक टन DAP, श्योपुर में 1527, दमोह में महज 54, टीकमगढ़ में 635, निवाड़ी में 171, छतरपुर में 2932, सागर में 3205 मीट्रिक टन DAP मात्र स्टॉक है.

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कृषि मंत्री कमल पटेल के क्षेत्र हरदा में भी पर्याप्त स्टॉक नहीं है. हरदा में सिर्फ 883 मीट्रिक टन DAP है. बुंदेलखंड, निमाड़, मालवा महाकौशल, विंध्य समेत सभी संभागों में खाद के लिए किसान परेशान है.

बता दें कि एमपी में 81 लाख 71 हजार हेक्टेयर में रवि की फसल होती है. पिछले साल की तुलना में इस बार गेहूं की फसल का रकबा 5.33 फीसदी बढ़ने का अनुमान है. पूरे सीजन में 27-28 लाख टन खाद की आवश्यकता है. जिसमें यूरिया और डीएपी मुख्य रूप से शामिल है.

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों मंत्रालय में बैठक आयोजित की थी. जिसमें सीएम शिवराज सिंह ने खुद खाद व्यवस्था की समीक्षा की थी. अफसरों द्वारा सीएम शिवराज सिंह चौहान को पर्याप्त खाद होना बताया गया था, लेकिन सहकारी केंद्रों पर खाद की लंबी-लंबी लाइन अफसरों के इन दावों की पोल खोल रही हैं.

एमपी में खाद की किल्लत

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