मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्धा से लौटकर कहा है कि छत्तीसगढ़ में भी एक गांधी भवन होना चाहिए. पत्रकार से बातचीत में भूपेश बघेल ने कहा कि यहां के लोग गांधी से जुड़े रहे हैं. गांधी दर्शन से लोगों का जुड़ाव होना चाहिए. गांधी की विचारधारा गांव-गांव में रहनी चाहिए. दो दिन के महाराष्ट्र प्रवास से रायपुर लौटने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने ये बात कही.

भूपेश बघेल ने बताया कि संगमनेर में किसानों के जिस सम्मेलन में उन्होंने शिरकत की, उसमें वहां के किसान इस बात को लेकर खुश थे कि छत्तीसगढ़ में गन्ने और धान की इनती कीमत मिल रही है. इसके बाद भूपेश बघेल ने पूरा दिनवर्धा के गांधी आश्रम बिताया. जहां प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ.

वर्धा से लौटने के बाद भूपेश बघेल काफी प्रफुल्लित नज़र आए. उन्होंने मीडिया के साथ अपने अनुभव साझा किया. भूपेश बघेल ने कहा कि 1936 से 1946 तक गांधी यहीं रहे. यहां उनके साथ तमाम दूसरे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे. यहां छग कांग्रेस के पदाधिकारियों को वो जगह देखने को मिली जहां वो दूसरे नेताओं से साथ रणनीति बनाते थे. यहां उनके प्रिंटर्स, वायसरॉय की दी हुई हॉट लाइन और एकमात्र उनके हस्ताक्षर वाली मूर्ति हैं.

उन्होंने कहा कि यहां आश्रम में वो काम काफी पहले से हो रहा है जो छत्तीसगढ़ में गौठानों में अभी शुरु हुआ है. भूपेश बघेल ने कहा कि गांधी से जु़ड़ी बातें पदाधिकारियों को देखने-समझने का मौका मिला. ये बेहद सुखद था.