पुरषोत्तम पात्र गरियाबंद. जिले के माडागांव के शादी में स्वागत-सत्कार न होने पर जमकर विवाद हुआ. मामला इतना ज्यादा बढ़ गया कि लड़के वाले नाराज होकर बिन ब्याहे की बारात लेकर घऱ वापस लौट गए. मामले को समाज के लोगों ने सुलझाने की पूरी कोशिश की लेकिन दोनों पक्ष अपनी बातों को लेकर अड़े रहे.लड़की बालों ने सामाजिक रीति रिवाज की दुहाई दी, तो वहीं दूल्हा पक्ष के लोग स्वागत को लेकर इस कदर नाराज हुए की दूल्हे की शादी की शादी ही टूट गई.

बता दें कि शाम ढलने के बाद बारात स्वागत नही करने का सामाजिक फरमान था, लेकिन बारात करीब एक घण्टे देरी से लड़की वालों के यहां पहुंची. लड़की के पिता के मुताबिक पिता बाराती 6 बजे तक पहुंचना था पर बारात 7 बजे पहुंची,लड़की वाले व समाज के पदधिकारीयो ने बारातियों के विलम्ब का कारण बता कर स्वागत-सत्कार नहीं किया, एक भी बारातियों को एक गिलास पानी तक नही पिलाया गया.लड़की वालों का कहना था की सामाजिक नियमों के हिसाब से किसी भी हाल में रात्रि में बारात का स्वागत नहीं करेंगे. जिसकी वजह से लड़के का पिता नाराज हो गया. और दूसरे गांव की लड़की से अपने बेटे की शादी करवा दी.

दूल्हे के पिता का कहना है कि सामाजिक कट्टरता से आर्थिक नुकसान के अलावा सामाजिक स्तर पर सम्मान पर आंच आ रही थी, इसलिए आज सुबह ही सितलीजोत में दूसरी लड़की तय कर सामाजिक रीतिरिवाज से दोबारा बारात निकाल लड़के की शादी करवा दी.

वहीं दुल्हन के पिता ललित राम बीसी ने कहा कि उन्हें किसी ने नही भगाया था,हम तो सुबह तक रूकने का आग्रह करते रहे थे, क्योकि सामाजिक रिवाज ही ऐसा था. लेकिन दूल्हे वाले रूकने के एवज में दो टूक जवाब देकर कहते रहे कि रूकने से क्या कोई चार पहिया दहेज में दे दोगे.