कोंडागांव. 30 साल पहले डां. डी भंज ने शिवलिंग की स्थापना सड़क किनारे एक मंदिर पर की थी, जिस पर लोगों की आस्था दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी. सड़क चौड़ीकरण के बाद शिवलिंग मंदिर सड़क के बीच आ गया था, जिसे अन्यत्र स्थापित करने लंबे समय से प्रक्रिया चल रही थी.


दुर्घटनाएं हुई मगर किसी को कुछ नहीं हुआ
मंदिर के चलते कई बार आसपास घटनाएं हुई मगर किसी तरह की जनहानि कभी नहीं हुई, एक टैक्टर भी पूरी तरह मंदिर में जा घुसा था. मगर शिवलिंग के सामने पूरा ट्रैक शिवलिंग के पास गिरा. मगर किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हुई. लेकिन किसी को कोई चोट तक नहीं आई.

बता दें कि, 30 साल पहले डां. डी भंज ने जो शिवलिंग स्थापित किया था उसके सामने ही बंधातालाब है. शिवलिंग गार्डन के पास स्थानांतरित होते देख वो भावुक हो गए. डां. भंज और पंडितों ने शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा और नए मंदिर की लिए स्थापना करने के बाद विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई.

निकली शोभा यात्रा
कोपाबेड़ा शिव मंदिर उज्जैन से मिली 10 वर्ष पूर्व पालकी को लाया गया था. जहां से पूजा के बाद शिवलिंग को पालकी में बैठाकर नए मंदिर में गाजे-बाजे और आतिशबाजी के साथ लाया गया. हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर झूमते हुए निकले.

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