लखनऊ. उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव धीरे-धीरे नजदीक आता जा रहा है. चुनाव से पहले वार्डों के गठन को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके बाद सीटों के साथ वार्डों का आरक्षण होगा. यह प्रक्रिया अक्तूबर से शुरू कराने की तैयारी है.
हालांकि, आरक्षण का फार्मूला अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन यह माना जा रहा है कि नए सिरे से सीटों का आरक्षण होगा. इसलिए अधिकतर सीटों पर उलटफेर की संभावना जताई जा रही है. बता दें कि वर्ष 2017 में 653 सीटों पर निकाय चुनाव हुआ था, इस बार अभी तक 762 निकाय बन चुके हैं. इसलिए पिछली बार की अपेक्षा इस बार वार्डों की संख्या भी 20 हजार से अधिक होगी. वार्डों के आरक्षण से पहले अधिकतर निकायों में रैपिड सर्वे का काम पूरा कराया जा रहा है.
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रैपिड सर्वे होने के बाद आरक्षण का काम शुरू होगा. नगर विकास विभाग के अधिकारी इस पर मंथन में जुट गए हैं कि सीटों और वार्डों के आरक्षण का फार्मूला क्या होगा. आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद निकाय चुनाव की तिथियों का फैसला करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजा जाएगा जिसके आधार पर अधिसूचना जारी होगी. यूपी में अभी तक 545 नगर पंचायतें हो चुकी है. वर्ष 2017 में 429 नगर पंचायतों में चुनाव हुआ था. इसलिए इस बार सर्वाधिक नगर पंचायतों में होगा.
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