दिल्ली सरकार(Delhi Government) लाभकारी योजनाओं के लिए एक डेटाबेस बनाने की योजना बना रही है. इस प्रक्रिया के तहत, सर्वेक्षण के दौरान 37 विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी एकत्र की जाएगी, जिसमें नाम, पता, आय, जाति और धर्म से संबंधित विवरण शामिल होंगे. पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, डेटाबेस का निर्माण पहले चरण में खाद्य एवं आपूर्ति, महिला एवं बाल विकास, श्रम, राजस्व और समाज कल्याण विभाग के लाभार्थियों के साथ शुरू होगा. इसके बाद, अगले चरण में अन्य विभागों के साथ-साथ सभी दिल्लीवासियों के लिए एक यूनिक आईडी के साथ डेटाबेस तैयार किया जाएगा.
सरकार का कहना है कि इस डेटाबेस के माध्यम से भविष्य में नीति निर्धारण में सहूलियत होगी. इसके जरिए न केवल लाभ वितरण में पारदर्शिता में वृद्धि होगी, बल्कि फर्जीवाड़े पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा. नागरिकों को सभी जानकारी और योजनाओं की स्थिति एक ही स्थान पर देखने की सुविधा मिलेगी.
सरकार के अनुसार, यूनिक आईडी केवल लाभार्थियों के लिए नहीं, बल्कि सभी दिल्लीवासियों के लिए उपलब्ध होगी. इस सर्वेक्षण को प्रारंभ करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है. यूनिक आईडी सभी दिल्लीवासियों के लिए उपलब्ध होगी, न कि केवल लाभार्थियों के लिए. इस सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है.
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यूनिक आईडी से आसानी होगी
अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली के निवासियों को यूनिक आईडी मिलने से उन्हें सरकार की सभी लाभकारी योजनाओं की जानकारी एक ही स्थान पर प्राप्त होगी. इसके लिए एक सिंगल विंडो सिस्टम विकसित किया जाएगा, जिससे नागरिक अपने विवरण को देख और अपडेट कर सकेंगे. सरकार इसे गोल्डन रिकॉर्ड के रूप में प्रस्तुत कर रही है, जिससे सभी विभाग आवेदनों की जांच कर सकेंगे. विभिन्न डेटाबेस में व्यक्ति की पहचान और ट्रैकिंग करना भी सरल हो जाएगा.
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