वाराणसी. आंध्रप्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में कथित जानवरों की चर्बी मिलने के बाद श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हैं. श्रद्धालु अभक्ष्य प्रसाद ग्रहण करने के बाद चिंतित हैं. ऐसे में काशी विद्वत कर्मकांड परिषद ने श्रद्धालुओं को अभक्ष्य ग्रहण करने की प्रायश्चित करने की बात की है.
श्रद्धालु विद्वत जनों से परामर्श लेकर अब अभक्ष्य ग्रहण करने का प्रायश्चित कर सकते हैं. काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने कहा है कि प्रायश्चित के आदि देवता नारायण है. तिरुपति साक्षात् नारायण है.
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उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु या शालिग्राम को स्थापित करके सर्व प्रायश्चित का विधान कराया जाएगा. जिन लोगों ने प्रसाद खाया है तत्काल वह मंत्र से अभिमंत्रित करके पंचगव्य प्राशन कर लें.
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