दिल्ली में आज और कल तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश की संभावना है, जिसके लिए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट(Yellow Alart) जारी किया है. इस वर्ष जनवरी से अप्रैल तक का मौसम सामान्य से अधिक गर्म रहा, लेकिन मई की शुरुआत से विभिन्न क्षेत्रों में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है. हर कुछ दिनों में आंधी, तेज हवाएं और बारिश के साथ गरज-चमक हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप मई का औसत अधिकतम तापमान सामान्य से लगभग ढाई डिग्री कम रहा है.
जून में भी मौसम का हाल मई जैसा ही बना हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार और मंगलवार को 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने के साथ हल्की बारिश की संभावना है. कुछ समय के लिए हवा की गति 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. इस कारण अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है. येलो अलर्ट का मतलब है कि वर्तमान में कोई खतरा नहीं है, लेकिन मौसम में अचानक बदलाव आ सकता है.
पालम क्षेत्र में रविवार को आई आंधी की तीव्रता सबसे अधिक रही, जहां हवा की गति 96 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई. प्रगति मैदान में यह गति 81 किलोमीटर प्रति घंटे और सफदरजंग में 80 किलोमीटर प्रति घंटे रही. पिछले 30 दिनों में यह आंधी सबसे तेज मानी जा रही है, जबकि इससे पहले 25 मई को हवा की गति 82 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई थी. इस आंधी के कारण दिल्ली के तापमान में भी तेजी से गिरावट आई, जिसमें पालम में दो घंटे के भीतर तापमान 14 डिग्री तक कम हो गया.
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दिल्ली में आए तूफान के दौरान एक इंडिगो विमान के हिचकोले खाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. यह वीडियो रायपुर से दिल्ली की उड़ान भर रहे विमान का है, जो तेज हवाओं के कारण एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग नहीं कर सका. नतीजतन, विमान को फिर से हवा में उड़ान भरनी पड़ी और उसे दूसरे एयरपोर्ट पर डायवर्ट किया गया.
वर्ष 2018 के बाद सबसे साफ रही मई की हवा
मई में मौसम की मेहरबानी का प्रभाव वायु गुणवत्ता पर भी स्पष्ट रूप से देखा गया है. केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अनुसार, 2018 के बाद इस वर्ष मई में हवा की गुणवत्ता सबसे बेहतर रही है, जिसका औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 170 अंक दर्ज किया गया. यह स्तर मध्यम श्रेणी में आता है, जबकि 2018 में औसत एक्यूआई 217 अंक था. उल्लेखनीय है कि कोविड और लॉकडाउन के कारण वर्ष 2020 और 2021 के आंकड़ों को इस तुलना में शामिल नहीं किया गया है.
400 से नीचे रहा AQI
इस वर्ष जनवरी से मई के बीच एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर गंभीर श्रेणी में पहुंचा हो. पिछले वर्षों की तुलना करें तो 2018 में ऐसे दिन तीन, 2019 में सात, 2020 में दो, 2021 में पांच, 2022 में एक और 2023 तथा 2024 में तीन-तीन दिन रहे थे.
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