भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि अक्टूबर-नवंबर के दौरान ला नीना की स्थिति बन सकती है क्योंकि मॉनसून समाप्त हो चुका है और सामान्य से थोड़ी अधिक बारिश हुई है. साथ ही, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) का कहना है कि इस साल के अंत तक 60 प्रतिशत संभावना है कि ला नीना में मजबूत मौसम होगा, जिससे देश के उत्तरी हिस्सों में सामान्य से अधिक ठंडी पड़ सकती है.
IMD ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों समेत उत्तर पश्चिम क्षेत्र में तेज ठंड हो सकती है. IMD प्रमुख मृत्युंजय मोहापात्रा ने अखबार से बातचीत में कहा कि 71% संभावना है कि ला नीना अक्टूबर से नवंबर तक तैयार हो जाएगा… जब ला नीना की स्थिति बनती है, देश के उत्तरी हिस्सों, विशेष रूप से उत्तर पश्चिम और उससे सटे मध्य क्षेत्र में तापमान आम तौर पर नीचे होता है.
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‘ऐसे में आपको सर्दी के महीनों में शीतलहर का सामना करना पड़ सकता है,’ उन्होंने कहा. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि ला नीना की स्थिति अभी भी कमजोर है, इसलिए जनवरी या फरवरी में स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.
WMO की प्रतिक्रिया
WMO ने बताया, “अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक यह संभावना है की ला नीना की प्रबलता 60 % तक बढ़ जाए . इस दौरान अल नीनो के पुनः मजबूत होने की संभावना 0 है.” ला नीना का अर्थ है मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र सतह के तापमान में भारी गिरावट, जो उष्णकटिबंधीय वायुमंडलीय परिसंचरण, जैसे हवा, दबाव और वर्षा में बदलाव से होता है.
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