कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (मेरू) के लिए चयनित हुई है। केंद्र सरकार की ओर से जीवाजी यूनिवर्सिटी को 100 करोड़ की ग्रांट मिलेगी। जिसके जरिए छात्रों और फैकल्टी को रिसर्च के नए-नए मौके मिल सकेंगे। जीवाजी विश्वविद्यालय सहित मध्य प्रदेश के तीन विश्वविद्यालय चयनित किए गए हैं, जो मल्टी डिसीप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के तौर पर विकसित किए जाएंगे।

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मध्य प्रदेश से जीवाजी यूनिवर्सिटी के साथ ही भोपाल की बरकतउल्ला और उज्जैन की विक्रम यूनिवर्सिटी का चयन हुआ है। उच्च शिक्षा क्षेत्र में जीवाजी विश्वविद्यालय सहित मध्य प्रदेश के दो अन्य विश्वविद्यालय का चयन होने से बहुत सारे फायदे होंगे। खासकर आधुनिक लैब उपकरण मिल सकेंगे। जीवाजी विश्वविद्यालय इस ग्रांट से 40 करोड़ में पुरानी बिल्डिंग के रिनोवेशन, बिल्डिंग एक्सटेंशन और सड़क निर्माण में खर्च कर सकेगा।

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वहीं 60 करोड़ की लागत से लैब, लाइब्रेरी, सॉफ्टवेयर ई-जर्नल्स आदि खरीदने के लिए विभागों को आवंटित कर सकेगा। सेमिनार वर्कशॉप आदि में भी रुपए खर्च किए जा सकेंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत भी JU का सिलेक्शन हुआ है, चुनी गई देश की 52 यूनिवर्सिटी में जीवाजी विश्वविद्यालय को भी पीएम उषा के तहत चुना गया है।

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ऐसे में 20 करोड़ की अतिरिक्त ग्रांट भी हासिल होगी। पीएम उषा से पहले 2013 में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) लॉन्च किया गया था। जिसका 2023 में नाम बदलकर प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान कर दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के पात्र उच्च शिक्षण संस्थानों को फंड प्रदान करना है।

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