भारत में एक से बढ़कर एक पर्यटन स्थल हैं, जो अपनी विशेषताओं से पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करते हैं. ऐसा ही एक पर्यटक स्थल हैं राजस्थान जो अपने मौसम के अनुरूप व्यवहार करते हुए घूमने के लिए एक शानदार जगह है. राजस्थान को राजघरानों की भूमि कहा जाता हैं, जहां लोग ऐतिहासिक किलो और भव्य इमारतो का दीदार करना पसंद करते हैं. लेकिन इसी के साथ ही यहां के मंदिर भी पर्यटन का हिस्सा हैं जो अपनी अलग विशेषता के साथ इस प्रदेश में आकर्षण का केंद्र बने हुए है. आज हम आपको राजस्थान के प्रसिद्द मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके दर्शन करने हर रोज हजारों की तादाद में भक्त पहुंचते हैं. इन मंदिरों के दर्शन करना अपने आप में एक अद्भुद अहसास होता हैं.

करनी माता मंदिर, बीकानेर

करनी माता मंदिर को चूहों का मंदिर भी कहा जाता है. यह मंदिर सायरन माता करणी को समर्पित है, जिन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है. यह मंदिर 20 हजार चूहों के लिए प्रसिद्ध है. पर्यटक और भक्त इस मंदिर में जाते हैं और दूध के कटोरे को फर्श पर रखते हैं, जो चूहों को खिलाए जाते हैं. इस मंदिर 20वीं शताब्दी में महाराजा गंगा सिंह द्वारा बनाया गया था. मंदिर सायरन माता करणी को समर्पित है, जिन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है. Read More – Summer Special Recipe : गर्मी में खाएं ठंडा-ठंडा ककड़ी का रायता, Body की Dehydration से रखता है दूर …

अक्षरधाम मंदिर, जयपुर

स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर जयपुर पर्यटको के आकर्षणों में से एक है. मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला, सुंदर मूर्तियों, मूर्तिकला और नक्काशीयों के लिए जाना जाता है. अक्षरधाम मंदिर पर्यटकों को भारतीय वास्तुकला, सांस्कृतिक परंपरा और हिंदू देवता की मूर्तियों की वास्तविक झलकियां प्रदान करता है. जयपुर के अक्षरधाम मंदिर का ऐसा कोई महान इतिहास नहीं है क्योंकि यह एक आधुनिक मंदिर है, जो हाल ही में 19वीं और 20 वीं शताब्दी के बीच बनाया गया था. परन्तु फिर भी भारतीय मंदिरों की वास्तुकला को दर्शाता है, जो जयपुर शहर में सबसे अधिक भ्रमण किए जाने वाला मंदिर है.

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, दौसा

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में एक हिंदू मंदिर है. यह भगवान हनुमान को समर्पित है, जिन्हें बालाजी के नाम से भी जाना जाता है. देश भर से कई तीर्थयात्री साल भर इस भक्ति स्थान पर आते हैं. श्री सियाराम भगवान को समर्पित एक मंदिर बालाजी मंदिर के सामने खड़ा है और इसमें सियाराम की एक सुंदर मूर्ति है. कहा जाता है कि इस मंदिर में जाने के बाद बुरी आत्माओं या संकटवालों से पीड़ित व्यक्ति को उनकी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है. यह मंदिर विभिन्न प्रकार के शारीरिक रोगों को दूर करने और कष्टों से राहत प्रदान करने के लिए भी जाना जाता है. भगवान हनुमान की अलौकिक क्षमताओं में विश्वासियों का दृढ़ विश्वास है, जो कई मौकों पर सही साबित हुआ है.

दिलवाड़ा जैन मंदिर, माउंट आबू

दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू से घूमने के लिए पास के स्थानों में से एक है. इस मंदिर का निर्माण विपुल शाह और वास्तुपाल तेजपाल ने 11वीं और 13वीं शताब्दी में कराया था. यह अपनी वास्तुकला के लिए दुनिया के सबसे खूबसूरत जैन मंदिरों में से एक माना जाता है. यहां कुल मिलाकर पांच दिलवाड़ा जैन मंदिर हैं जो विमल वसाही, लूना वसाही, पित्तलहार मंदिर, श्री पार्श्वनाथ मंदिर और श्री महावीर स्वामी मंदिर है. इनमें से प्रत्येक मंदिर में वास्तुकला की दृष्टि से कुछ न कुछ अद्वितीय है. Read More – गर्मी में स्किन को ठंडक देकर फ्रेश रखता है पुदीना, ये 6 फैसपैक आपकी स्किन को रखेंगे हाइड्रेट और Pimple Free …

ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर

पुष्कर, राजस्थान का एक प्रमुख मंदिर है जो ब्रह्मा को समर्पित है. पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर हिंदू धर्म के सबसे सम्मानित पवित्र स्थानों में से एक है. पुष्कर के महत्व के कारण भक्त साल भर यहां आते हैं. पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर कई कहानियों का विषय है. भारत में छह ब्रह्मा मंदिर हैं, जिनमें से एक पुष्कर में सबसे प्रमुख है. यह इतना पूजनीय है कि तीर्थयात्री दुनिया भर से भगवान की कृपा पाने के लिए यात्रा करते हैं. ब्रह्मा पुष्कर का मंदिर अपनी आश्चर्यजनक वास्तुकला और भक्तिपूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है.

एकलिंगजी मंदिर, उदयपुर

राजस्थान के लोकप्रिय तीर्थस्थानो में से एक एकलिंगजी मंदिर उदयपुर से सिर्फ 22 किमी की दूरी पर स्थित है. इस मंदिर का निर्माण उदयपुर के राजा बप्पा रावल द्वारा जैन मंदिर के 72 कमरों के किनारे किया गया था जिन्होने पहले जैन संत आदिनाथ की चारमुखि मूर्ति रखी थी. ऐतिहासिक महानता वाला यह प्राचीन मंदिर मेवाड़ कबीले के संरक्षक देवता भगवान एकलिंगजी को समर्पित है. एक का अर्थ है एक जबकि ‘लिंग का मतलब है’ लिंगम या जीवन -शिला जो भगवान शिव का प्रतीक है. इन्द्रसागर झील के तट पर स्थित एकलिंगजी मंदिर है, जिसकी दीवारों के अंदर लगभग 108 मंदिर है. ये सभी मंदिर संगमरमर और चूना पत्थर के बने हैं.

रानी सती मंदिर, झुंझुनू

रानी सती मंदिर राजस्थान के प्रमुख प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जोकि राजस्थान के झुंझुनू में स्थित है. हिन्दू पौराणिक कथाओं में ऐसा माना जाता है कि रानी सती ने अपने पति की मृत्यु के बाद आत्मदाह कर लिया था. तब से ही रानी सती राजस्थान के इतिहास में दादी जी के नाम से प्रसिद्ध है. रानी सती मंदिर संगमरमर से बना हुआ बहुत ही सुन्दर मंदिर है. रानी सती की वीरता और बहादुरी के किस्से आज भी राजस्थान में लोकप्रिय चर्चाओं में स्थापित है.