रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस निर्णायक बढ़त की ओर बढ़ रही है. 90 सीटों वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की दरकार होती है, वहीं खबर लिखे जाने तक कांग्रेस की झोली में 66 सीट जाती दिख रही हैं. वहीं भाजपा को 18 और बसपा-जकांछ गठबंधन को पांच सीट मिलती दिख रही है. एक नजर इन कारणों पर कि भाजपा को यह हार क्यों मिली और कांग्रेस कैसे 15 साल बाद सत्ता में लौटती दिख रही है.

पांच कारण जिससे भाजपा हारी

  1. किसानों में नाराजगी: किसान वर्ग भाजपा सरकार से नाराज रहा. उनका आरोप है कि उन्हें उपज, खासतौर पर धान का सही मूल्य नहीं मिला.
  2. युवाओं में रोजगार का संकट: रोजगार की कमी दूसरा कारण रहा जिसकी कीमत रमन सिंह को चुकानी पड़ी. रोजगारी की कमी के कारण परिवारों को विस्थापित होना पड़ा. सरकार आउटसोर्सिंग से पद भरती रही, जबकि उसके अपने यहीं रोजगार खड़े करने थे.
  3. सरकारी दमन के खिलाफ लामबंद: आदिवासियों ने सरकार पर दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाया. पत्थलगड़ी आंदोलन और बड़ी संख्या में विस्थापन इसके प्रमाण रहे.
  4. सरकारी कर्मचारी, पुलिस का आंदोलन: चुनाव से ठीक पहले सरकारी कर्मचारियों और पुलिस का आंदोलन सरकार को भारी पड़ा.
  5. सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर: 15 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए कहा जा रहा था कि इस बार एंटीइनकमबेंसी असर दिखाएगी. भाजपा नेता इससे इन्कार करते रहे, लेकिन आखिर में यही बात सही साबित हुई.

पांच कारण जिससे कांग्रेस जीती

  1. जनता के मन का घोषणापत्र: जनता कई समस्याओं से जूझ रही थी और कांग्रेस ने इन समस्याओं का समाधान करने का वादा अपने घोषणापत्र में किया. इसका असर रहा कि यह पार्टी जनता का भरोसा जीत सकी.
  2. बदलाव की लहर चली: कांग्रेस ने इस बार परिवर्तन का नारा दिया था, जिसे जनता का समर्थन मिला। भाजपा नेता इन्कार करते रहे, लेकिन आखिर में यह परिवर्तन का नारा सच साबित हुआ.
  3. किसानों ने दिखाया भरोसा: कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में धान के दाम और कर्जमाफी का वादा दिया है. कांग्रेस की जीत दिखाती है कि किसानों ने इस वादे पर भरोसा दिखाया है.
  4. कांग्रेसियों का बर्बर दमन से सहानुभूति उपजी: भाजपा सरकार के राज में कांग्रेस नेताओं पर कई बार लाठियां बरसाई गई. परिणाम देखकर लगता है कि कांग्रेस को जनता की सहानुभूति मिली.
  5. युवाओं को रोजगार भत्ता नौकरी देने का वादा काम आया: कांग्रेस ने जिन समस्याओं को मुद्दा बनाया उनमें रोजगार का मुद्दा सबसे बड़ा था. कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में रोजगार भत्ता देने का वादा किया है, जिसका असर चुनाव परिणाम पर पड़ा.