मनीष राठौड़, राजगढ़। राजगढ़ नगर के कालाखेत में रहने वाले ‘मेहताब सिंह गोयल’ क्षेत्र में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। मेहताब सिंह ‘टिकट बाबा’ के नाम से फेमस हैं। इसका कारण है इनके पास भारत समेत दूसरे कई देशों के करीब 2500 से ज्यादा टिकट संग्रहित है। मेहताब सिंह (Mehtab Singh Goyal) साल 1942 में हुए भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) से लगातार टिकट संग्रहित कर रहे हैं। कभी टिकटों को खेल के रूप में अपने पास रखने वाले गोयल का यह देखते ही देखते शौक बन गया। लोग उन्हें अब उन्हें टिकट बाबा कह कर बुलाते हैं।
मेहताब सिंह ने बताया कि राजशाही शासन के कई सिक्के और स्टांप पेपर उनके पास है। वहीं पूरे भारत की दुर्लभ डाक टिकट, जिनमें राजगढ़ रियासत से लेकर ग्वालियर के अलावा भारत से निकली लगभग दो हजार अलग-अलग डाक टिकट और करीब 500 विदेशी टिकट मौजूद है।
खेल-खेल में लगा टिकट संग्रहण का शौक
वैसे तो गोयल सिर्फ थोड़ा बहुत ही पढ़ना जानते हैं। हालांकि उनके इस अनूठे शौक ने कई लोगों को प्रभावित किया है। इन टिकटों के संग्रह को देख पूर्व में आईजी, कलेक्टर, एसपी एवं अन्य अधिकारी प्रभावित हुए हैं और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर चुके हैं। संग्रह की शुरुआत के बारे में मेहताब सिंह बताते हैं कि यह शौक खेल-खेल में लगा था। धीरे-धीरे मुझे खुद टिकट जमा करने की लगन लग गई।
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कई दुर्लभ टिकट इनके पास मौजूद
टिकट बाबा के पास भारत छोड़ो आंदोलन 1942 से लेकर कबीर दास, तुलसीदास, शकुंतला एवं आज तक की टिकट उनके पास मौजूद है। इसी तरह प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और मोतीलाल नेहरू के अलावा दयानंद सरस्वती, विपिन चंद्रपाल, जगदीश चंद्र बोस, कस्तूरबा गांधी के टिकट भी है।
इन देशों के टिकट इनके पास
गोयल बताते हैं कि वर्ष 1942 से लेकर अभी तक उनके पास भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, बर्मा, इटली चीन, पुर्तगाल, रोमानिया, मंगोलिया, टर्की फ्रांस, न्यूजीलैंड, जापान, इंग्लैंड, डेनमार्क, नीजरलैंड, स्वीडन, डेगानिया, केनिया इजिप्ट, ब्राजील, मारीशस, अमेरिका ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के टिकट शामिल है।
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