Lalluram Desk. एंजाइटी जिसे सामान्य तौर पर डर, चिंता, अवसाद, घबराहट या डिस्प्रेशन कहा जाता है. कोरोना के बाद तो एंजाइटी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. डॉक्टर एक समय तक इसे सामान्य मानते हैं, मगर लंबे समय तक एंजाइटी है तो फिर यह डिसऑर्डर है. अगर, इस समस्या से उबरना है तो ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें, राहत मिलेगी. आज हम आपको एंजाइटी के बारे में बतायेंगे साथ ही यह भी समझते हैं कि इससे कैसे निजात पा सकते है.
बॉक्स ब्रीदिंग
यह योग का एक आसान है. इसमें 4 सेकंड के लिए सांस अंदर लेनी है. 4 सेकंड रोककर रखनी है. फिर 4 सेकंड बाद सांस छोड़नी है. फिर 4 सेकंड के लिए सांस रोकनी है. इससे एकाग्रता आती है. व्यक्ति शांत चित होता है. इससे तंत्रिका तंत्र को रेगुलेट करने, तनाव हार्मोन को कम करने में मदद मिलती है.
डायाफ्रामिक ब्रीदिंग
इस आसन में आराम से बैठ जाएं. या फिर लेटें. एक हाथ सीने पर, दूसरा पेट में रखें. नाक से गहरी सांस लें. यह तय करें कि आपका पेट आपके सीने से ज्यादा ऊपर उठे. होठों को सिकोड़कर धीरे-धीरे सांस छोडें. यह पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करने और हार्ट रेट को कम करने में मदद करता है.
होंठ बंद करके सांस लें
2 सेकंड के लिए नाम से सांस लें. फिर 4 सेकंड के लिए धीरे-धीरे होठों से सांस छोड़ें. जैसे की आप मोमबत्ती बुझा रहे हों. यह सांस को धीमा करने और एयर फ्लो को बेहतर बनाने में सहायक है.
नथुने से सांस लें
इस विधा को ऑल्टरनेट ब्रीदिंग कहा जाता है. सामान्य भाषा में जो प्रचलित है अनुलोम-विलोम. जिसे भारत में बड़ी संख्या में लोग कर रहे हैं. इसके बहुत फायदे भी हैं. इसमें अंगूठे और अनामिका का उपयोग करें, एक नथूने को बंद करें और दूसरे से सांस लें. नथुने बदलें. इससे दिमाग के बाएं, दाएं हिस्से को संतुलित करने में काफी मदद मिलती है.