रायपुर. गुरु पूर्णिमा के दिन यानी 27 जुलाई को 3 घंटे 55 मिनट का चंद्र ग्रहण लग रहा है. यह ग्रहण 4 राशियों के लिए तो लाभकारी है, लेकिन बाकी बची 8 राशियों के लिए कष्टकारी होगा. खगोलविदों के मुताबिक, यह सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण होगा और वर्ष 2099 तक इतना लंबा चंद्र ग्रहण दोबारा नहीं देखा जा सकेगा. आमतौर पर ग्रहण एक या डेढ़ घंटे की अवधिवाले होते हैं, लेकिन आगामी चंद्रग्रहण 4 घंटे तक रहेगा. इससे पहले 16 जुलाई 2000 में ऐसा ग्रहण लगा था. चंद्रग्रहण की शुरुआत चंद्रमा के उदय के साथ रात 11 बजकर 54 मिनट से होगी. ग्रहण का मध्यकाल रात 1 बजकर 54 मिनट पर होगा और ग्रहण की समाप्ति 3 बजकर 49 मिनट पर होगी. विक्रमी संवत् 2075 में कुल पांच ग्रहणों का योग है. इनमें से 2 चंद्र ग्रहण और 3 सूर्य ग्रहण हैं. इन चारों ग्रहणों में से सिर्फ एक यही ग्रहण है जो भारत में दिखाई देगा. हिंदू शास्त्रों के अनुसार किसी भी प्रकार का चंद्र ग्रहण कभी भी किसी रूप में शुभ नहीं माना जाता है. मान्यता के अनुसार चंद्र ग्रहण का प्रकोप किसी भी व्यक्ति पर पूरे 108 दिनों तक बना रहता है.

इन राशियों को सावधान रहने की जरुरत

ज्योतिर्विदों के अनुसार, ग्रहण जिस राशि में घटित होता है उन राशि वालों पर अपना कुप्रभाव छोड़ता है. यह चंद्र ग्रहण उत्तर आषाढ़ और श्रवण मास में मकर राशि में घटित हो रहा है, इसलिए मकर राशि वालों को सावधान रहने की जरूरत है. ग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए उन्हें जाप करना चाहिए. यह ग्रहण मिथुन, मेष, वृष, कर्क, सिंह, कन्या, धनु, कुंभ राशि वालों के लिए भी कष्टकारी हो सकता है. हां, तुला, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए यह शुभ होगा.

क्या करें क्या न करें

-मंदिरों के द्वार बंद हो जाते हैं, इसलिए घर में ही भगवान का स्मरण करना चाहिए.
-गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान कर यथा शक्ति दान अवश्य देना चाहिए.
-घर में रखे हुए पानी में कुशा डाल देनी चाहिए, इससे पानी दूषित नहीं होता है.
-ग्रहण के सूतक समय में भोजन नहीं करना चाहिए.

गर्भवती महिलाएं रखे इन बातों का ध्यान

 माना जाता है कि ग्रहण के समय निकलने वाली दूषित किरणें गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा असर डालती हैं. चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं बाहर नहीं निकलना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि गर्भवती महिला अगर ग्रहण देख लेती है तो उसका सीधा असर उसके होने वाले बच्चे की शारीरिक और मानसिक सेहत पर पड़ता है. जिसकी वजह से शिशु गंदे लाल चिन्हों के साथ पैदा होता है. जन्म के बाद बच्चे के शरीर पर कोई न कोई दाग जरूर पड़ जाता है. ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को किसी भी नुकीली चीज जैसे चाकू, कैंची, सूई  का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को जरूर नहा लेना चाहिए. गर्हण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए.