प्रतीक चौहान. रायपुर. रायपुर रेल मंडल के एक उच्च पदस्थ अधिकारी का चंद दिनों बाद रिटारमेंट होने वाला है. लेकिन अब उनके रिटायरमेंट से पहले एक बार फिर उनकी फर्जी एसटी के सर्टिफिकेट से नौकरी करने का मामला उछला है. क्योंकि अब तक रेलवे के उच्च अधिकारियों ने ये मामला दबाकर रखा था, लेकिन जाति प्रमाण पत्र उच्च स्तरीय छानबीन समिति की वो रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें ये पुष्टि हो गई है कि उक्त अधिकारी फर्जी एसटी सर्टिफिकेट के आधार पर रेलवे में नौकरी कर ली, छानबीन समिति की रिपोर्ट कहती है कि उक्त अधिकारी ने अपने स्कूल के दस्तावेजों में खूद को क्षत्रिय बताया है. रेलवे से जुड़ी खबर शेयर करने के लिए आप 9329111133 पर संर्पक कर सकते है.
नागपुर के रहने वाले अतुल गजभिए ने रायपुर रेल मंडल के डीआरएम और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जीएम पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे मामले की शिकायत रेलवे बोर्ड से की है. जिसमें रायपुर रेल मंडल के सहायक कार्मिक अधिकारी रंजीत सिंह बेपारी की सेटलमेंट राशि, पीएफ राशि, पेंशन राशि और सभी प्रकार के रेल विभाग से मिलने वाली सुविधा पर तत्काल प्रभाव से रोक और रिकवरी की भी मांग की है.
ये कहा गया है शिकायत में
द.पू. म.रेलवे रायपुर मंडल अधीन कार्यरत सहायक कार्मिक अधिकारी रंजीत सिंह बेपारी ST जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर रेलवे में नौकरी कर रहे है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एवं D.O.P.T. आदेशनुसार फ़र्ज़ी ST/SC जाति प्रमाण पत्र पर कार्यरत कर्मचारी की रिकवरी करके बेनिफिट रोकने के आदेश दिये गए है. रंजीत सिंह बेपारी ख़ुद को बचाने के लिए कोर्ट के शरण में गए, कोर्ट ने रंजीत सिंह बेपारी को दिनांक 25.03.2022 तक समय दिया गया. रंजीत सिंह बेपारी ने रेलवे के वरिष्ठ भ्रष्ट अधिकारियों को रिश्वत देकर कई सालों से फर्ज़ी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे है, रेलवे के भ्रष्टाचारी रेल अधिकारी रंजीत सिंह बेपारी के अपराध में लिप्त है इसलिए रंजीत सिंह बेपारी को रेल प्रशासन बचाने का कार्य कर रहा है,रंजीत सिंह बेपारी का सेवानिवृत्त करने से पहले रिकवरी करके सभी बेनिफिट राशि को रोक जाए.