रायपुर. पेट से जुड़ी सबसे आम समस्याओं में से एक है एसिडिटी. सीने और गले में जलन लोगों की रोज की समस्या बन गया है. जिसे ‘एसिड रिफ्लक्स’ भी कहा जाता है. यह पेट के एसिड के अधिक उत्पादन के कारण हो सकता है. रोज-रोज एसिडिटी नजरअंदाज करने पर आगे चलकर बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. इस बीमारी को आसानी से कैसे नियंत्रित किया जा सकता है.

तला-भुना और मसालेदार से करें परहेज

अपने आहार में विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें. तला-भुना और मसालेदार खाना खाना बंद कर दें क्योंकि यह बीमारियों के साथ-साथ मोटापा भी बढ़ाता है. कभी भी अधिक मत खाओ. हमेशा थोड़ा-थोड़ा खाने की आदत डालें. खाने के तुरंत बाद न बैठें, थोड़ा टहलें. आपके खाने और सोने के बीच तीन घंटे का अंतर होना चाहिए, इस बात का ध्यान जरूर रखें.

कोला, सोडा से ड्रिंक से बचे

बाज़ार के भांति-भांति के कोला और अन्य कार्बोनेटेड पेय उपयोग करते होंगे. किन्तु इनके सेवन से कुछ समय की राहत आपको लम्बे समय के लिये या जीवन पर्यन्त आफत में डाल सकती है. कार्बोनेट पेय में कीटनाशकों का उपयोग भी किया जाता है जो शरीर के लिए हानिकारक होता है. पेट से जुड़ी कोई समस्या है तो कार्बोनेटेड पेय से बचें. इस ड्रिंक का सेवन करने से लोगों को डकार आती है. कार्बोनेटेड पेय में कार्बन डाइऑक्साइड गैस सूजन पैदा कर सकती है. इसे पीने से हमें ठंडक तो मिलती है लेकिन यह खतरनाक हो सकता है. इसलिए हमेशा नॉर्मल पानी को अपना साथी बनाएं. यह आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करता है.

सोने का तरीका

सोते समय आपको अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊंचा और पैरों को नीचे रखना चाहिए, ताकि आप तकिए को सहारा दे सकें. पर्याप्त नींद लें ताकि आप मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहें. ऐसा माना जाता है कि बायीं करवट सोने से पेट की समस्या नहीं होती है.

अधिक वजन वालों को ज्यादा समस्या

यदि आपका वजन अधिक है तो एसिड रिफ्लक्स और सीने में जलन होने की संभावना अधिक होती है. अपना वजन हमेशा बनाए रखें. एसिड रिफ्लक्स से निपटने के लिए योग और संतुलित आहार आवश्यक है.