लखनऊ. योगी आदित्यनाथ सरकार में दो मंत्री अपने-अपने विभागों में तबादलों को लेकर विरोध का सामना कर रहे हैं. तबादलों में अनियमितताओं को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख जितिन प्रसाद और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक विवादों में हैं.
आरोपों के बाद मुख्यमंत्री योगी ने एक जांच की स्थापना की. विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) जितिन प्रसाद और अनिल कुमार पांडे का ट्रांसफर कर दिया. जबकि पांच अन्य को राज्य सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद निलंबित कर दिया गया है. एक जांच में ओएसडी अनिल कुमार पांडे को विभाग में तबादलों में अनियमितताओं के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार पाया गया.
पांडे ने पहले जितिन प्रसाद के साथ काम किया है, जब वह यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री थे और उन्हें प्रतिनियुक्ति पर लखनऊ लाया गया था. कहा जाता है कि जितिन प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और अपनी सफाई पेश की. उनके बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने की संभावना है. इससे पहले योगी आदित्यनाथ सरकार को उस समय काफी शर्मिदगी का सामना करना पड़ा था, जब उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अपने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में तबादलों पर खुद सवाल उठाए थे.
मंत्री ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने ही विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर जवाब मांगा था. जाहिर है, पाठक ने तबादलों को मंजूरी देने वाली फाइलों को ‘जल्दी में’ बिना देखे ही साइन कर लिया था. मामले की जांच चल रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब अपने सभी मंत्रियों को फाइलों पर हस्ताक्षर करने से पहले उन्हें ठीक से पढ़ने का निर्देश दिया है.