फरवरी का महीना आते ही स्कूली बच्चों के सिर उनकी किताबों में दब जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि परीक्षा का मौसम होता है। फरवरी आखिर और मार्च की शुरुआत से ही लगभग सभी स्कूलों में बच्चों की final exam शुरू हो जाते हैं। यह साल का वह समय है जब न केवल छात्र बल्कि उनके माता-पिता भी तनाव में रहते हैं। यदि आप या आपका बच्चा परीक्षा के दौरान तनाव से प्रभावित हैं, तो कुछ योगासन आजमाएं। आपका बच्चा उन्हें या तो व्यक्तिगत रूप से कर सकता है या आप भी इसमें शामिल हो सकते हैं। इसलिए, योग करके शांत और केंद्रित रहें, जो परीक्षा के तनाव से निपटने में मदद कर सकता है।
हम सभी जानते हैं कि आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर तनाव का नकारात्मक प्रभाव बहुत अधिक होता है। इसलिए, परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए कौन कौन से योग करने चाहिए इसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
प्राणायाम
प्राणायाम स्टूडेंट्स के लिए सबसे बेहतर योग है जो दिमाग को स्ट्रेस से मुक्त रखता है। स्ट्रेस अगर नहीं होगा तो पढ़ाई बेहतर होगी । इसलिए भ्रामरी और कपाल-भाति जैसे प्राणायाम जरूर करें। ये मानिसक शांति भी देंगे और शरीर की अकड़न को भी दूर करता है। दिमाग में अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचने से फ्रेशनेस बनी रहेगी।
ताड़ासन
यह योगासन ना सिर्फ आपका तनाव कम करेगा बल्कि बॉडी पॉश्चर को भी ठीक करेगा। इससे आपकी लंबाई अच्छी होगी, साथ ही बॉडी पॉश्चर में भी सुधार आएगा। यह आपके मानसिक सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
पर्वतासन
इस आसन को करने से आपके बॉडी का पॉश्चर बेहतर होगा। इससे आपके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होती है जिससे आपके परीक्षा का तनाव कम होगा और आप बहुत अच्छी तरह exam दे पाएंगे। तो अब से आसन करना शुरू कर दीजिए।
पवनमुक्तासन
इस आसन को करने से आपका पेट मजबूत होता है। इससे कब्ज की समस्या नहीं होती है।साथ ही इससे आपकी एकाग्रता भी अच्छी होगी।
भुजंगासन
इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डियां मजबूत होती हैं।यह बाएं और दाएं दिमाग को शांत रखता है। इससे आपका ध्यान बेहतर होगा।
नौकासन
अपने कोर के केंद्र पर ध्यान केंद्रित करें, आसन को कस कर पकड़ें और दोनों आंखों से अपने पैरों के पंजों पर ध्यान केंद्रित करें। यह आपको बैलेंस और स्थिर बनाने में मदद करता है। यह आपके कोर और आत्मविश्वास को मजबूत करता है।
सुखासन
मेडिटेशन की इस प्रक्रिया में दोनों पैरों को क्रॉस करके पीठ को एकदम सीधा रख कर ध्यान मुद्रा में बैठना होगा। इससे न केवल पढ़ाई के तनाव को दूर किया जा सकता है बल्कि इससे पढ़ने की क्षमता का भी विकास होता है। ये याद करने के पावर को बढ़ाता है।
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