रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में कभी चैन स्नैचिंग, कभी राह चलते मुसाफिरों का मोबाइल छीन लेना, कभी किसी और घटना को अंजाम देना आम हो गया है. इन घटनाओं पर रोक लगाने की कोशिशें पुलिस कर तो रही है, लेकिन नाकाम नजर आ रही है.

स्मार्ट पुलिसिंग पर सवाल उठने लगे हैं ? क्योंकि लूटेरे स्मार्ट पुलिसिंग की वॉट लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. लूटेरों का हौसला इस कदर हावी है कि वो मंत्रियों के बंगले के आस-पास सक्रिय हो चले हैं.

बीती रात शंकर नगर के विद्या अस्पताल के कुछ दूरी पर स्वराज एक्सप्रेस के राजनीतिक संपादक रूपेश गुप्ता के साथ लूट की जो घटना हुई. उसने राजधानी में पुलिस सुरक्षा की पोल खोल दी है. रात में पुलिस गश्ती के दावे फेल नजर आ रही हैं.

पत्रकार से लूट की इस वारदात की सिविल लाइन थाना ने मामला दर्ज करवाया गया है. थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर राजनीतिक संपादक रुपेश गुप्ता पैदल वर्किंग करते हुए भगत सिंह चौक से शंकर नगर टर्निंग पॉउंट की तरह आ रहे थे. उसी दौरान करीब साढ़े 12 बजे स्कूटी में सवार तीन लूटेरे आते हैं और (ओप्पो) मोबाइल लूट कर फरार हो जाते हैं.

रुपेश गुप्ता उन अज्ञात तीनों लूटरों की पीछा करने की कोशिश करते हैं. वो उन्हें चमका देकर रफूचक्कर हो जाते हैं. रात में कोई सहयोग न होता देख वो घर वापस चले जाते हैं. बुधवार सुबह सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है.

इससे पहले भी कई वारदातें हो चुकी है. आम इंसाने तो लूटेरे और चोर गिरोह का शिकार हो ही रहे हैं. अब तो पत्रकार भी इनका शिकार बन रहे हैं. राह चलते लोगों का मोबाइल लूट लिया जा रहा हैं.

अब ऐसे ही दिन प्रतिदिन लूट और चोरी की वारदातें बढ़ती ही जाएंगी, तो स्मार्ट पुलिसिंग की मुस्तैदी क्या हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेगी ? या फिर इन वारदातों पर अंकुश लगाने कोई काम भी करेगी ?