दिल्ली. बेकाबू चल रहा डॉलर इस दिवाली जनता का दीवाला निकालेगा. डॉलर के मुकाबले रुपये का कद घटने से महंगाई को हवा मिल रही है. इस कारण चीन से आने वाले माल की कीमत बढ़ गई है. शहरों तक पहुंचते-पहुंचते यह 40 फीसदी तक महंगा हो गया है. ऐसे में पर्व पर खरीदारी के लिए आपको अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी.
डॉलर की कीमत बढ़ने से दिवाली के चीनी सजावटी सामान 40 फीसदी, ब्रांडेड कपड़े 15 फीसदी एवं एफएमसीजी आठ फीसदी तक महंगे हो गए हैं. व्यापारियों ने बताया कि जब एक अगस्त को चीन से कपड़ा बुक कराया, उस वक्त डॉलर का भाव 65.45 रुपये था लेकिन एक अक्तूबर को भुगतान करते वक्त यह 73.48 रुपये हो गया. इससे व्यापारियों को अधिक कीमत चुकानी पड़ी.
वहीं, चीन से आने वाले कपड़े पर पहले 2 फीसदी डंपिंग ड्यूटी थी, जो 15 प्रतिशत तक हो चुकी है. इसके अलावा कंपनियों को डॉलर में भुगतान करने के लिए अधिक रुपये देने पड़े, जिससे कपड़ा महंगा हुआ. उन्होंने कहा कि डॉलर की कीमत नहीं घटी तो महंगाई बढ़ेगी. इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबारियों के मुताबिक डॉलर की बढ़ती कीमत के कारण इस बार चायनीज सजावटी आइटम की आवक कम हुई है. इससे भी दाम चढ़े हैं. इस दिवाली पर फुटकर में पांच मीटर की साधारण झालर खरीदने के लिए 50 रुपये तक चुकाने होंगे.
कपड़ा कारोबारियों के मुताबिक ब्रांडेड कंपनियों का 30 फीसदी माल चीन में तैयार होता है. यह कंपनियां कपड़े की डिजाइन, यार्न खरीद कर देती हैं, इसके बाद देश में मंगवाकर इसे संवारती हैं. कंपनियों ने तीन महीने पहले जिस वक्त बुकिंग कराई थी, डॉलर की कीमत कम थी. अब भाव बढ़े तो अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है.
डॉलर के भाव के कारण आस्ट्रेलिया से आने वाले ब्लेजर लेंथ की कीमत 600 रुपये तक बढ़ चुकी है. कपड़ा कारोबारियों के मुताबिक अब तक दो मीटर का ब्लेजर लेंथ 2500 रुपये का बेचते थे, पर इस सीजन में आए ब्लेजर लेंथ को 3100 रुपये का बेचना पड़ रहा है. कीमत पर यह असर डंपिंग ड्यूटी बढ़ने से भी पड़ा है.