कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh ) की ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) का अमानवीय चेहरा सामने आया है। चोरी के शक में एक ऑटो चालक की बेरहमी से पिटाई कर उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया। पुलिस द्वारा उसका पैर तोड़ा गया, हाथ, कमर पर गंभीर घाव देने के साथ ही क्राइम ब्रान्च और पड़ाव थाना प्रभारी पर पेशाब पिलाने का भी आरोप लगाया है। वही पीड़ित के परिजनों ने CM डॉ मोहन यादव से दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की गुहार लगाई है।

दरअसल भिंड के कारोबारी के लाखों रुपए के गहने कार से चोरी के संदेह में पुलिस ने ओटो चालक दीपक शिवहरे को हिरासत में लिया था। पड़ाव थाना स्टेशन बजरिया इलाके में 17 जून को सर्राफा कारोबारी अमन बंसल की कार से 15 लाख के गहने चोरी हो गए थे। पुलिस ने 3 ऑटो चालक चिन्हित किए थे, जिसके आधार पर पुलिस ने दीपक को पूछताछ के नाम पर बुलाया और थाटीपुर थाने में बेरहमी से मारपीट की। गंभीर हालात में दीपक को उसके परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसके पैर पर प्लास्टर किया गया और जख्मों का इलाज किया गया। मामला तूल पकड़ता देख आरोपी पुलिस ने धारा 151 के तहत कार्रवाई कर पीड़ित चालक को छोड़ दिया।

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पीड़ित चालक की पत्नी की मौत हो चुकी है, वहीं उसपर 5 साल के बेटे को पालने की अकेली जिम्मेदारी है। ऐसे में लाचार हालात में उसे अपनी बहन के घर रहना पड़ रहा है। दीपक की बहन ने CM डॉ मोहन यादव से गुहार लगाइ है,उसका कहना है कि दोषी पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए,यदि ऐसा नही हुआ तो लोग थाने की दहलीज पर जाकर इंसाफ का सपना देखना तक भूल जाएंगे। घायल ऑटो चालक दीपक शिवहरे ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से पेशाब पिलाने और बेरहमी से मारपीट की शिकायत की है,जिसके बाद आईजी के निर्देश पर एसपी धर्मवीर सिंह ने मामले की जांच एडिशनल एसपी अखिलेश रेनवाल को सौंपी है।

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