कोरोना काल के दौर में बहुत से पढ़े लिखे लोग खेती की ओर रूख कर रहे हैं. अगर आप भी खेती के जरिए अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक ऐसे प्रोडक्ट का नाम बताएंगे, जिसकी सालभर डिमांड बनी रहती है. आज हम आपको बता रहे हैं जीरा की खेती के बारे में, जो भारत के सभी रसोई घरों में आमतौर पर पाया जाता है.
जीरे में कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं, जिसकी वजह से इसकी मांग दोगुना हो जाती है. जीरे की खेती के लिए हल्की और दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है. ऐसी मिट्टी में जीरे की खेती आसानी से की जा सकती है. बुआई से पहले यह जरूरी है कि खेत की तैयारी ठीक ढंग से की जाए. इसके लिए खेत को अच्छी तरह जोतकर उसे अच्छी तरह भुरभुरा बना लेनी चाहिए. जिस खेत में जीरे की बुआई करनी है, उस खेत से खरपतवार निकाल कर साफ कर लेना चाहिए.
जीरे की अच्छी किस्में
जीरे की अच्छी किस्मों में तीन वेरायटी का नाम प्रमुख हैं. आरजेड 19 और 209, आरजेड 223 और जीसी 1-2-3 की किस्मों को अच्छा माना जाता है. इन किस्मों के बीज 120-125 दिन में पक जाते हैं. इन किस्मों की औसतन उपज प्रति हेक्टेयर 510 से 530 किलो ग्राम है. लिहाजा इन किस्मों को उगाकर अच्छी कमाई की जा सकती है.
जानिए जीरे से कितनी होती है कमाई
देश का 80 फीसदी से अधिक जीरा गुजरात और राजस्थान में उगाया जाता है. राजस्थान में देश के कुल उत्पादन का करीब 28 फीसदी जीरे का उत्पादन होता है. अब बात करें उपज और इससे कमाई की तो जीरे की औसत उपज 7-8 क्विंटल बीज प्रति हेक्टयर हो जाती है. जीरे की खेती में करीब 30,000 से 35,000 रुपए प्रति हेक्टयर खर्च आता है. अगर जीरे की कीमत 100 रुपए प्रति किलो भाव मानकर चलें तो 40000 से 45000 रुपए प्रति हेक्टयर शुद्ध लाभ हासिल किया जा सकता है. ऐसे में अगर 5 एकड़ की खेती में जीरा उगाया जाए तो 2 से सवा दो लाख रुपए की कमाई की जा सकती है.
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