कांग्रेस ने एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड एजेएल-यंग इंडियन से संबंधित ED के मामले को निराधार बताते हुए इसे विश्व के सात अजूबों में से एक माना है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रसिद्ध वकील अभिषेक सिंघवी ने ED और सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि दुनिया में ऐसा कोई मामला नहीं है जिसमें एक भी रुपये या संपत्ति का स्थानांतरण न होने के बावजूद इसे मनी लॉंड्रिंग का मामला बना दिया गया हो.
सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप लगाना सफेद झूठ: सिंघवी
यंग इंडिया को सेक्शन 8 के अंतर्गत नॉट फार प्रोफिट कंपनी के रूप में प्रस्तुत करते हुए अभिषेक सिंघवी ने स्पष्ट किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कभी भी एक रुपया भी नहीं लिया, इसलिए उनके खिलाफ अपराधिक आय का आरोप लगाना पूरी तरह से गलत है. उन्होंने बुधवार को कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एजेएल कांग्रेस की धरोहर है और इसे संरक्षित करने के उद्देश्य से यंग इंडिया कंपनी की स्थापना की गई.
सोनिया और राहुल के यंग इंडिया में निदेशक बनने के संबंध में सिंघवी ने टिप्पणी की कि यदि कांग्रेस के नेता इस भूमिका में नहीं होंगे, तो क्या आडवाणी जैसे नेता इस पद पर आसीन होंगे. कांग्रेस ने कई वर्षों में आर्थिक संकट से निपटने के लिए एजेएल को 90 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया. एजेएल का पुनर्निर्माण करने के लिए इसे कर्ज मुक्त कंपनी में परिवर्तित करना आवश्यक था, इसलिए कानूनी रूप से 90 करोड़ का ऋण यंग इंडिया को कागजी रूप से हस्तांतरित किया गया. उन्होंने यह भी बताया कि यंग इंडिया में एजेएल की हिस्सेदारी आज भी 99 प्रतिशत है, जिसमें 100 अचल संपत्तियां शामिल हैं.
ED से भी सिंघवी ने पूछे सवाल
सिंघवी ने स्पष्ट किया कि अनुच्छेद आठ के तहत कंपनी के निदेशक या शेयरधारक एक रुपये भी नहीं ले सकते, और यदि कोई लाभ होता है, तो वह कंपनी में ही रहेगा. उन्होंने ईडी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें अपराध की प्रक्रिया और धन के प्रवाह का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है. जयराम रमेश ने बताया कि जब एजेएल पर भारी कर्ज चढ़ गया, तब कांग्रेस ने 2002 से 2011 के बीच 100 बैंक लेनदेन के माध्यम से उसे 90 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया, जिसका उपयोग वीआरएस, ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड, कर और बिजली बिल चुकाने में किया गया.
चूंकि एजेएल पर ऋण था, इसलिए इसके संचालन में रुकावट आ गई थी. इस स्थिति में, कर्ज को शेयरों में परिवर्तित करके एक नई कंपनी यंग इंडियन में स्थानांतरित कर दिया गया. जयराम ने स्पष्ट किया कि यंग इंडियन ने एजेएल का अधिग्रहण नहीं किया है और सभी संपत्तियां तथा आय उसी के पास हैं.
सोनिया गांधी से दो दिनों तक और राहुल गांधी से 5 दिन और 55 घंटे तक पूछताछ करने के बावजूद यदि कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला, तो यह स्पष्ट है कि ईडी ने एक झूठी चार्जशीट दाखिल की है. यह स्थिति न केवल इस सरकार की बौखलाहट को दर्शाती है, बल्कि इसके मानसिक और नैतिक दिवालियापन को भी उजागर करती है.
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