नई दिल्ली/बेंगलुरु। संसद द्वारा हाल ही में पारित प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 अब कानूनी रूप ले चुका है, जिसके तहत सभी तरह के रियल-मनी ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद लागू हुए इस कानून को चुनौती देने के लिए भारत की ऑनलाइन गेमिंग कंपनी A23 ने गुरुवार (28 अगस्त, 2025) को कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

यह देश में इस कानून के खिलाफ दायर की गई पहली याचिका मानी जा रही है. A23, जो रम्मी और पोकर जैसे खेलों की ऑनलाइन सेवाएं देती है, ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि नया कानून स्किल-आधारित गेमिंग बिजनेस को अपराध की श्रेणी में डाल देता है. कंपनी का कहना है कि इससे कई गेमिंग स्टार्टअप्स को बंद होने का खतरा है.
A23 ने अदालत में दलील दी कि यह कानून ‘स्टेट पैटरनलिज़्म’ की मानसिकता को दर्शाता है और स्किल्स पर आधारित खेलों को भी प्रतिबंधित कर रहा है, जो असंवैधानिक है. वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
गौरतलब है कि इस कानून के लागू होने के बाद ड्रीम 11, माई11 सर्किल, पोकरबाजी, विनजो और नजारा टेक्नोलॉजीज जैसे कई बड़े प्लेटफॉर्म्स ने अपने रियल-मनी गेम्स बंद कर दिए हैं. सरकार का कहना है कि इस कानून का उद्देश्य ऑनलाइन गेम्स के जरिए फैल रहे नशे, मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी पर लगाम लगाना है.
अब अदालत में इस मामले की सुनवाई पर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि इसके फैसले से इस क्षेत्र के भविष्य की दिशा तय होगी.