जकार्ता। विवाहेतर संबंध के बढ़ते मामलों को देखते हुए संसद में एक ऐसे आपराधिक कानून को मंजूरी दी गई है, जिसमें शादी से बाहर सेक्स के मामले में दोषी के लिए सजा का प्रावधान किया है. यह नियम देश के नागरिकों के साथ-साथ देश में आने वाले विदेशियों पर भी समान रूप से लागू होगा.

बात हो रही इंडोनेशिया की, जहां मंगलवार को संसद में नए कानून को मंजूरी दी गई है, जिसके अनुसार, सिर्फ पति और पत्नी को ही शारीरिक संबंध बनाने का अधिकार होगा. अगर कोई शादीशुदा या अविवाहित महिला या पुरुष इस कानून का उल्लंघन करते हैं, तो उन्हें एक साल के लिए जेल जाना पड़ सकता है. साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

हालांकि, इस मामले में कार्रवाई तब की जाएगी, जब कोई महिला या पुरुष अपने पार्टनर के खिलाफ या ऐसा करने वाले अविवाहितों के माता-पिता शिकायत दर्ज कराएंगे. कोर्ट में ट्रायल चलने से पहले शिकायत वापस ली जा सकती है. लेकिन अगर कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया तो कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.

इसके साथ ही देश के राष्ट्रपति, सरकारी संस्थाओं का अपमान करने पर भी बैन लगाया गया है.

तब सरकार ने पीछे खींच लिए थे कदम

इंडोनेशिया में करीब तीन साल पहले भी इस कानून को लागू करने की तैयारी की जा रही थी. लेकिन इसके खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे थे, जिस वजह से सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे. उस समय प्रदर्शन करने वाले लोगों ने इस कानून को ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ का हनन बताया था.

टूरिज्म पर असर पड़ने की आशंका

खास बात है कि बड़े स्तर पर पर्यटकों के स्वागत करने वाले इंडोनेशिया में अगर यह प्रस्ताव कानून बना तो ना सिर्फ इंडोनेशियाई नागरिकों बल्कि यहां आने वाले विदेशियों पर भी लागू होगा. इसी वजह से इंडोनेशिया के कई कारोबारी समूहों ने इस पर चिंता भी जताई है. उनका मानना है कि सरकार के इस कदम का ना सिर्फ टूरिज्म बल्कि निवेशकों पर भी असर पड़ सकता है.