मुकेश मेहता, बुधनी। भेरुंदा क्षेत्र में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टर की भरमार देखी जा रही है। वहीं इस दौरान कई स्थानों पर ऐसी दवाखाने है जिसमें प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर के पास किसी भी प्रकार की कोई डिग्री ही नहीं है, लेकिन फिर भी क्षेत्र में वह बेखौफ अपने क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। वहीं इस पर शासन प्रशासन सहित सेक्टर प्रभारी द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

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बतादें कि, लाड़कुई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत ग्राम पिपलानी एवं इटावा खुर्द में किसी भी डॉक्टरों के पास कोई डिग्री नहीं है। इसके बाद भी वह क्लीनिक खोल कर बैठे है और ग्रामीणों का इलाज बेखौफ होकर कर रहे हैं। देखा जाए तो पिपलानी ग्राम में प्रशासन द्वारा एक आयुष केंद्र भी खोला गया है लेकिन वहां भी हमेशा ताला लटका ही नजर आता है।


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जानकारी जब सीबीएमओ मनीष सारास्वत से ली गई तो उनका कहना है कि यह सेक्टर प्रभारियों की जिम्मेदारी है। जिसपर जल्द जांच कर कार्रवाई की जाएगी। जिस तरह से क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार देखी जा रही है, इसके साथ ही शासकीय आयुष केंद्र खुल नहीं रहे है तो ये कहना गलत नहीं होगा कि स्वास्थ्य व्यवस्था मात्र झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर है। जिससे ग्रामीणों को मजबूरन उनके पास जाना पड़ रहा है।

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