दिल्ली. ब्रिटनी हाउले को कक्षा में जब भी किसी चीज की जरूरत पड़ती उनका मददगार कुत्ता हाजिर रहता। अगर उन्हें अपने मोबाइल फोन की जरूरत होती तो इसे भी वह उन्हें ढूंढकर दे देता। यहां तक कि अपनी इंटर्नशिप के तहत जब वह मरीजों की मदद कर रही होती थीं तब भी वह बगल में दुम हिलाते हुए मंडराता रहता था।
क्लार्कसन विश्वविद्यालय से ऑक्यूपेशनल थैरेपी में मास्टर डिग्री पूरा करने के बाद जब हाउले अपना डिप्लोमा ले रही थीं तो ग्रिफिन नामक यह कुत्ता भी उनके साथ मौजूद था। हाउले ने कहा कि स्नातक की कक्षा के पहले दिन से ही वह उसके साथ रहा। उन्होंने कहा, ”जो मैंने किया, इसने भी वह सब कुछ किया।
पोस्टडैम न्यूयार्क स्कूल के बोर्ड ट्रस्टी ने ‘गोल्डन रीट्रीवर नस्ल के चार वर्षीय इस कुत्ते को भी सम्मानित करते हुए कहा कि हाउले की सफलता में इसने असाधारण योगदान दिया और हर वक्त साथ रहकर उनकी भरपूर मदद की। विभिन्न चुनौतियों से जूझ रहे निशक्त लोगों की मदद करने वाले ऐसे प्रशिक्षित कुत्तों को ‘सर्विस डॉग कहा जाता है।
उत्तरी कैरोलाइना में विल्सन की रहने वाली हाउले व्हीलचेयर के सहारे चलती हैं और उन्हें क्रॉनिक पेन की समस्या है। उन्होंने कहा कि ग्रिफिन दरवाजा खोलने, लाइट जलाने और इशारा करने पर कोई भी चीज लाने जैसे कई काम कर देता है। भले यह काम उतना बड़ा नहीं लगे लेकिन जब वह भीषण दर्द का सामना करती थीं तो वह उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
हाउले और ग्रिफिन ने इंटर्नशिप के दौरान नार्थ कैरोलाइना के फोर्ट ब्राग में काम किया। इस दौरान उन्होंने चलने फिरने में दिक्कतों का सामना करने वाले सैनिकों तथा अन्य जरूरतमंद मरीजों की मदद की।