दिल्ली. दिखने में वो किसी परी से कम नहीं लगती. सिर पर सलीके से कसा हुआ हिजाब औऱ अक्सर काले चश्मे के पीछे लंबी दूरी पर नजर गड़ाए आंखें. उस लड़की की पहचान सिर्फ इतनी नहीं है. ये लड़की पता नहीं कितनी लड़कियों की रोल मॉडल है. आपको उस लड़की के बारे में बताते हैं.
अक्सर आपने लड़कियों को स्कूटी या कार चलाते देखा होगा. कभी रोड पर आपको बुलेट-500 सीसी या फिर ट्रायम्फ 2300 सीसी जैसी हैवीवेट बाइक को राइड करते एक लड़की दिख जाए तो आप अचरज में पड़ जाएंगे.
अक्सर आपको नेशनल हाइ-वे या फिर दिल्ली की सड़कों पर फर्राटा भरती हुई, सिर पर सलीके से हिजाब बांधे एक लड़की दिख जाएगी. नाम है, रोशनी मिस्बाह, जिसे प्यार से लोग हिजाबी बाइकर कहते हैं. 23 साल की रोशनी दिल्ली के मशहूर जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से अरब कल्चर की पढ़ाई कर रही हैं.
परंपरागत मुस्लिम परिवार से आने वाली रोशनी को सड़ी-गली परंपराओं को ढोने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. तभी उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में अपने अब्बा से अपनी ख्वाहिश बयान कर दी थी कि वे बाइक की सवारी करेंगी. एक परंपरागत मुस्लिम परिवार से आने वाली रोशनी के घर में इस बात का विरोध उनके रिश्तेदारों ने शुरु किया लेकिन रोशनी के पिता ने अपनी बेटी का पूरा साथ दिया औऱ उन्हें पसंदीदा बाइक लेकर दी.
आज रोशनी रायल इनफील्ड राइडर्स क्लब की मेंबर होने के साथ-साथ फीमेल बाइक राइडर्स के ग्रुप-द बाइकरनी की मेंबर हैं. अब तक अपनी कई बाइक से रोशनी देश के हजारों किलोमीटर की यात्रा कर चुकी हैं. जब ब्लैक जैकेट, ब्लैक चश्मा औऱ ब्लैक हिजाब पहनकर रोशनी सड़क पर अपनी बाइक से 234 की स्पीड में फर्राटा भरती हैं तो दुनिया सिर्फ सड़क पर इस लड़की के जलवे देखती है. आज रोशनी हजारों लड़कियों की प्रेरणा हैं.
पुरुषों के वर्चस्व वाले बाइक राइडिंग के क्षेत्र में एक लड़की का पूरे कांफिडेंस के साथ रेस करना, लड़कियों के दम औऱ हिम्मत की कहानी कहता है. एक मशहूर शू कंपनी ने तो बकायदा रोशनी की जिंदगी पर कुछ मिनट का टीवी-एड तक बना दिया. तो, लड़कियां अगर अपने मन का कुछ भी करना चाहती हैं तो रोशनी मिस्बाह द हिजाबी बाइकर से बहुत कुछ सीख सकती हैं.