हेमंत शर्मा, इंदौर। कोरोना संक्रमण काल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर हा-हाकार मचा हुआ है. ऑक्सीजन की कमी से हालात बिगड़ रहे हैं. मध्य प्रदेश के एक बड़े अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज को भर्ती नहीं लेने का नोटिस चस्पा कर दिया है.
अरविंदो हॉस्पिटल का मामला
यह हालात है मध्यप्रदेश के सबसे बड़े अरबिंदो हॉस्पिटल का है, जहां 1381 मरीज फिलहाल भर्ती हैं. भर्ती मरीजों के उपचार के लिए 18 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत रोज पड़ती है. डॉक्टर विनोद भंडारी ने बताया कि अगर हम अब और ज्यादा मरीज भर्ती करेंगे तो हमें लगभग 24 मिट्रिक टन के आसपास ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ेगी, जो कि आईनॉक्स कंपनी द्वारा हमें सप्लाई नहीं दी जा रही. आईनॉक्स सिलेंडर भरने का काम करती है. कंपनी द्वारा मेल किया गया कि आपके हॉस्पिटल में इंटरनल पाइप लाइन है, जो ज्यादा ऑक्सीजन से फट सकती हैं.
ट्रांसपोर्ट करने के लिए ऑक्सीजन टैंकरों की कमी
डॅाक्टर भंडारी के मुताबिक उनकी कैपेसिटी ज्यादा अच्छी है, उनके पास 1400 बेड का हॉस्पिटल है. जिसमें 24 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता उन्हें लगेगी. मध्य प्रदेश में लगभग 100 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत पर डे की है. फिलहाल इंदौर में 60 से 70 मिट्रिक टन ऑक्सीजन मिल पा रही है. जामनगर से 30 टन का टैंकर इंदौर पहुंचा था, जो फिलहाल ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है. मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की व्यवस्था तो हो गई है पर उसे ट्रांसपोर्ट करने के लिए ऑक्सीजन के टैंकरों की कमी सामने आई है. फिलहाल पूरे मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से ट्रांसपोर्टेशन को लेकर अपनी बात रखी है. जल्दी ही ऑक्सीजन की किल्लत प्रदेश सरकार के अनुसार दूर होगी.