मैदान पर काफी शांत स्वभाव के लिए रहने वाले महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को कैप्टन कूल के नाम से भी जाना जाता है. धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम साल 2007 और 2011 में वर्ल्ड कप (World Cup) जीतने में कामयाब रही थी. सिर्फ यही नहीं महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) ने साल 2023 का खिताब पांचवीं दफा अपने नाम किया था. लेकिन कई बार धोनी पर अपने फेवरेट खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने के लिए दूसरे ज्यादा काबिल खिलाड़ियों को नजरअंदाज करने के आरोप लगाए गए है. धोनी का नाम एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है, दरअसल धोनी के पुराने साथी और भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने रणजी (Ranji) से रिटायर होने के बाद धोनी को लेकर बड़ा बयान दिया है.

मुझे लगातार नजरअंदाज किया गया – मनोज

एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान मनोज ने कहा- जब मैंने 65 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे, तब मेरा बल्लेबाजी औसत 65 के आसपास था. तब ऑस्ट्रेलिया टीम (Austrailian Team) ने भारत का दौरा किया था, और मैंने चेन्नई (Chennai) में एक दोस्ताना मैच में 130 रन बनाए थे. फिर मैंने इंग्लैंड (England Team) के खिलाफ एक दोस्ताना मैच में 93 रन बनाए थे. मैं टेस्ट कैप (Test Cap) हासिल करने के काफी करीब था, लेकिन उन्होंने मेरी जगह युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को चुना. इसलिए टेस्ट कैप नहीं मिल सकी. इतना ही नहीं वनडे में शतक बनाने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच (Player Of The Match) का पुरस्कार मिलने के बाद मुझे नजरअंदाज कर दिया गया था. मुझे लगातार 14 मैचों तक नजरअंदाज किया गया. जब आत्मविश्वास अपने चरम पर होता है और कोई उसे नष्ट कर देता है, तो वह खिलाड़ी खत्म हो जाता है. किसी भी पेशे में एक खिलाड़ी के लिए आत्मविश्वास ही सब कुछ होता है.

आपके ‘उस आत्मविश्वास को किसने मारा?’ सवाल पूछने पर मनोज तिवारी ने बताया, ‘मुझे नाम पता है लेकिन मैं वह नाम नहीं लेना चाहता. मैं अब मैच्योर हो गया हूं. जब किसी खिलाड़ी को बाहर किया जाता है तो यह टीम प्रबंधन का फैसला होता है.

मौका मिलता है तो मैं धोनी से जरूर पूछूंगा

एंकर ने जब मनोज तिवारी से पूछा- उस टीम के कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) थे, तो मनोज ने जवाब देते हुए कहा ‘हां, एमएस धोनी कप्तान थे. अगर मुझे यह सवाल पूछने का मौका मिलता है तो मैं उनसे जरूर पूछूंगा कि शतक बनाने के बाद मुझे टीम से बाहर क्यों कर दिया गया, खासकर ऑस्ट्रेलिया के उस दौरे में जहां कोई रन नहीं बना रहा था, न तो विराट कोहली (Virat Kohli), रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और न ही सुरेश रैना (Suresh Raina). मेरे पास अब खोने के लिए कुछ नहीं है.’

मनोज तिवारी का क्रिकेट करियर

मनोज तिवारी के मुताबिक आज के समय में खिलाड़ियों को कई मौके मिलते हैं. लेकिन उन्हें लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया. बता दें कि मनोज तिवारी ने भारतीय टीम के लिए साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे डेब्यू (One Day Debue) किया था. उन्होंने 11 दिसंबर, 2011 को चेन्नई में वेस्टइंडीज (West Indies) के खिलाफ अपना पहला वनडे शतक बनाया. उन्हें उनके प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. उन्होंने भारत के लिए 12 वनडे और 3 टी-20 मैच खेले हैं. मनोज तिवारी ने फर्स्ट क्लास (First Class Cricket) में 10000 से भी अधिक रन बनाए है.

हालांकि, वह श्रीलंका (Shrilanka) के खिलाफ जुलाई 2012 में टीम का हिस्सा नहीं रहे और उन्हें प्लेइंग-11 (Playing 11) से बाहर कर दिया गया. अब संन्यास के एक दिन बाद मनोज ने उन्हें टीम से बाहर करने और उनका करियर खत्म होने को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें अफसोस है कि वह टेस्ट कैप नहीं हासिल कर सके, जबकि उन्होंने वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय (T20I) में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. धोनी और मनोज तिवारी आईपीएल (IPL) में भी एक टीम से खेल चुके हैं. दोनों राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स (Rising Pune Super Giants) के लिए साथ खेले थे.

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