राजधानी के हुमायूं के मकबरे की दीवारों को नुकसान पहुँचाने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ पर्यटक मकबरे की दीवारों पर अपने नाम और अन्य निशान बनाते दिख रहे हैं। हुमायूं का मकबरा यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट है और यहां रोजाना सैकड़ों पर्यटक आते हैं। इसके अलावा, यह कई फिल्मों और शूटिंग प्रोजेक्ट्स में भी दिखाई गया है।

विशेषज्ञों ने चेताया है कि ऐसे कृत्य न केवल ऐतिहासिक धरोहर को नुकसान पहुँचाते हैं, बल्कि पर्यटन स्थल की प्रतिष्ठा को भी प्रभावित करते हैं। अधिकारियों ने कहा है कि मकबरे की सुरक्षा बढ़ाने और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। वायरल वीडियो की जांच भी की जा रही है ताकि जिम्मेदार पर्यटकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

हुमायूं का मकबरा यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट है और यह मुगल सम्राट हुमायूं की कब्र भी है। इसे हुमायूं की विधवा बेगा बेगम ने 1565 और 1572 के बीच बनवाया था। यह देश का पहला उद्यान मकबरा है और मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है। मकबरे में फारसी और भारतीय शैलियों का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है, जिसमें लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, इस हरकत ने पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुँचाया है और ऐतिहासिक स्मारकों के प्रति अनादर को लेकर आक्रोश पैदा किया है। हुमायूं का मकबरा यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट और मुगल सम्राट हुमायूं की कब्र है। इसे हुमायूं की विधवा बेगा बेगम ने 1565 और 1572 के बीच बनवाया था। यह देश का पहला उद्यान मकबरा है और मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है। मकबरे में फारसी और भारतीय शैलियों का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है, जिसमें लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।

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सोशल मीडिया यूजर्स भड़के

वीडियो में कैप्शन था: “जीरो सिविक सेंस! पर्यटक हुमायूं का मकबरा – जो यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट है – उसकी दीवारों पर अपना नाम लिखने के लिए एक-दूसरे पर चढ़ रहे हैं।” सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कई यूजर्स ने इस घटना को सिविक फेलियर और अनादर बताया। एक यूजर ने लिखा, “शर्मनाक! अगर आप हमारी विरासत का सम्मान नहीं कर सकते, तो कम से कम इसे नष्ट तो मत करें। स्मारकों को संरक्षण की जरूरत है, आपकी घटिया ग्रैफिटी को नहीं।” दूसरे यूजर ने कहा, “लोग खुद अनैतिक हैं और उनमें सिविक सेंस की कमी है, लेकिन लूट और भ्रष्टाचार के लिए राजनेताओं को दोषी ठहराते हैं। क्या लोगों ने कभी अपने अंदर झांका है? क्या समाज या राष्ट्र के लिए काम करना सिर्फ राजनेताओं का काम है?” वहीं एक अन्य यूजर ने चेतावनी दी, “इसकी रिपोर्ट करें। कानून के अनुसार, यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट को नुकसान पहुंचाने पर आपको 2 साल तक की कैद या 1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।”

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रिपोर्ट के मुताबिक, इस हरकत ने पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुँचाया है और ऐतिहासिक स्मारकों के प्रति अनादर को लेकर आक्रोश पैदा किया है। हुमायूं का मकबरा यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट और मुगल सम्राट हुमायूं की कब्र है। इसे हुमायूं की विधवा बेगा बेगम ने 1565 और 1572 के बीच बनवाया था। यह देश का पहला उद्यान मकबरा है और मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है। मकबरे में फारसी और भारतीय शैलियों का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है, जिसमें लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।

इस घटना पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी गुस्सा और निराशा जताई है। कई लोगों ने इसे “सिविक फेलियर” बताया और इस विशाल सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व वाले स्थल के प्रति अनादर उजागर किया। एक यूजर ने लिखा, “लोग हमेशा मौलिक अधिकारों के बारे में चिल्लाते रहते हैं, लेकिन उन्हें मौलिक कर्तव्य याद नहीं रहते। आर्टिकल 51 कहता है कि हमारी समग्र संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देना और संरक्षित करना हर नागरिक का कर्तव्य है।”

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