भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और प्रधानमंत्री मोदी के बीच गुरुवार को कई मुद्दों पर बात हुई। दोनों देशो के बीच कई अहम समझौते भी हुए। दोनों ग्लोबल लीडर्स के बीच बातचीत के दौरान स्टार्मर अपने देश में भी भारत के ‘आधार कार्ड’ जैसा सिस्टम शुरू करने की इच्छा जताई। इसे लेकर उन्होंने कल मुंबई पहुंचकर सबसे पहले इन्फोसिस कंपनी के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि से मुलाकात की। आधार प्रोग्राम शुरू करने में नंदन नीलेकणि की सबसे अहम भूमिका रही है। स्टार्मर ने कहा कि भारत का आधार प्रोग्राम बहुत सफल है और वे इससे सीखना चाहते हैं। इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के छठे संस्करण को संबोधित करते हुए प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति को रेखांकित किया। यहां उन्होंने कहा कि भारत के स्वदेशी समाधान आज वैश्विक स्तर पर भी प्रासंगिक सिद्ध हो रहे हैं।
फिनटेक के छठें संस्करण की शुरुआत बुधवार को मुंबई में हुई। गुरुवार को इसे संबोधित करते हुए पहले भारत में बैंकिंग एक विशिष्ट सेवा मानी जाती थी। आज हर महीने 25 लाख करोड़ रुपयों के 20 बिलियन ट्रांजैक्शन यूपीआई से हो रहे हैं। यानी दुनिया के हर 100 रियल टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन्स में से 50 अकेले भारत में होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व में टेक्नोलाजिकल डिवाइड से भारत अछूता नहीं था। लेकिन आज का भारत सबसे अधिक टेक्नोलाजी इन्क्लूसिव सोसायटी में से एक बन चुका है। आज भारत की फिनटेक कम्यूनिटी के प्रयासों से हमारे स्वदेशी समाधानों को वैश्विक प्रासंगिकता हासिल हो रही है।
प्रधानमंत्री ने एआई के महत्त्व पर डाला प्रकाश
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सरकार जनहित में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर घोषित करती है, और फिर उस प्लेटफार्म पर प्राइवेट सेक्टर अपने इनोवेशन से नए-नए प्रोडक्ट तैयार करता है। इस प्रकार भारत ने दिखा दिया है कि टेक्नोलाजी केवल सुविधा नहीं, समानता का साधन भी बन सकती है।
प्रधानमंत्री ने एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे लिए एआई का मतलब है आल इन्क्लूसिव यानी सभी का शामिल होना। जनहितकारी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एआई की बड़ी भूमिका हो सकती है। इसकी ताकत का पूरा उपयोग करने के लिए हमें डेटा, स्किल्स और प्रशासन में निवेश करना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडिया-एआई मिशन के तहत हम हाई पर्फारमेंस कम्प्यूटिंग कैपेसिटी बना रहे हैं, ताकि हर शोधकर्ता एवं स्टार्टअप को सस्ती और आसान सुविधा मिले। हमारे सेंटर आप एक्सीलेंस, स्किलिंग हब्स और स्वदेशी एआई माडल्स यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि एआई का लाभ हर जिले एवं हर भाषा तक पहुंचना चाहिए।
ट्रंप की चुटकी ली
प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीक के क्षेत्र में भारत की हिस्सेदारी केवल भारत की सफलता की कहानी नहीं है। यह दुनिया के लिए, और खासतौर से ग्लोबल साउथ के देशों के लिए आशा की एक किरण है। भारत अपने डिजिटल इनोवेशन्स से दुनिया में डिजिटल कोऑपरेशन और डिजिटल पार्टनरशिप बढ़ाना चाहता है। इसलिए हम अपने अनुभव एवं ओपेन सोर्स प्लेटफार्म, दोनों को विश्व स्तर पर साझा कर रहे हैं। भारत में विकसित हुआ मॉड्यूलर ओपेन सोर्स आइडेंटिटी प्लैटफार्म इसका बहुत बड़ा उदाहरण है।
आज 25 से ज्यादा देश इसे अपना स्वतंत्र डिजिटल आइडेंटिटी सिस्टम बनाने के लिए अपना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इसी कड़ी में बिना नाम लिए अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुटकी लेते हुए कहा कि हम दूसरे देशों को टेक्नोलाजी शेयर करने के साथ ही टेक्नोलाजी डेवलप करने में भी मदद कर रहे हैं। और ये डिजिटल ऐड नहीं है। वरना दुनिया के कई लोगों को यह बताने का शौक है कि हम ऐड दे रहे हैं। समझदार को इशारा काफी है। ये ऐड नहीं है, बल्कि डिजिटल एम्पावरमेंट है।
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक