महालक्ष्मी स्तोत्र धन, वैभव और सुख-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है. इसकी रचना स्वयं देवराज इंद्र ने की थी जब वे असुरों द्वारा पराजित होकर अत्यंत कष्ट में थे. इस स्तोत्र के नियमित पाठ से ना केवल धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन के समस्त कष्ट, बाधाएं और दरिद्रता भी समाप्त हो जाती हैं. जो भी व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास से इसका पाठ करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती. यह स्तोत्र मां लक्ष्मी की कृपा पाने का सरल, चमत्कारी और सिद्ध साधन है.

नियम
महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ प्रातः या संध्या समय, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर शांत मन से करें. दिन में एक बार पाठ करने से पाप और कष्टों से मुक्ति मिलती है. दिन में दो बार पाठ करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है.
लाभ
इस स्तोत्र से आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ मानसिक शांति, आत्मबल, पारिवारिक सुख, और व्यवसायिक उन्नति भी प्राप्त होती है. यह स्तोत्र न केवल भौतिक सुख-सुविधाएं प्रदान करता है, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी व्यक्ति को शुद्ध करता है.