चेन्नई. डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार के वारिस राहुल गांधी में फासीवादी नरेन्द्र मोदी सरकार को परास्त करने की क्षमता है। स्टालिन की यह अपील डीएमके की उसी परंपरा का हिस्सा है जब उनके पिता दिवंगत एम करूणानिधि ने नेतृत्व की कमान संभालने के लिए इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी को आमंत्रित किया था।
डीएमके अध्यक्ष यहां एक रैली को संबोधित कर रहे थे जिसमें आंध्र प्रदेश और केरल के मुख्यमंत्रियों क्रमश: एन चंद्रबाबू नायडू और पी विजयन ने भी भाग लिया। बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए से संबंध तोड़ने के बाद से ही नायडू अगले संसदीय चुनाव के लिए बीजेपी विरोधी एक महागठबंधन बनाने के प्रयासों में लगे हैं।
स्टालिन ने बीते समय को याद करते हुए कहा कि दिवंगत इंदिरा गांधी के प्रति समर्थन जाहिर करते हुए करूणानिधि ने 1980 में ऐलान किया था, ‘पंडित नेहरू की बेटी का स्वागत है। एक स्थायी सरकार दें।’ इसी प्रकार उन्होंने 2004 में सोनिया गांधी को यह कहते हुए निमंत्रित किया था, ‘इंदिरा गांधी की बहू का स्वागत है, भारत की बेटी जीतनी चाहिए।’
स्टालिन ने कहा, ‘2018 में, थैलाइवार कैलंगनार की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर मैं प्रस्ताव करता हूं कि हमें दिल्ली में एक नया प्रधानमंत्री बनाना चाहिए। हम एक नया भारत बनाएंगे, थैलाइवार कैलंगनार का बेटा होने के नाते मैं तमिलनाडु से राहुल गांधी की उम्मीदवारी का प्रस्ताव करता हूं।’
स्टालिन ने कहा, राहुल में ‘फासीवादी नाजी’ मोदी सरकार को परास्त करने की क्षमता है। मैं मंच पर मौजूद सभी सम्मानित पार्टी नेताओं से अपील करता हूं। हम राहुल गांधी के हाथ मजबूत करेंगे, हम देश को बचाएंगे।’