दिल्ली. त्रिपुरा विधानसभा के नतीजे आ गए हैं. भाजपा इस राज्य में अपना शानदार प्रदर्शन कर चुकी है. हर तरफ पार्टी की जीत के चर्चे हो रहे हैं. हम एक ऐसे शख्स के बारे में बताते हैं जिसने अपने बूते ही वामपंथियों का मजबूत किला ढहा दिया.
भाजपा के खाते में एक भी सीट नहीं थी. वहीं त्रिपुरा में पार्टी ने 39 विधानसभा सीटों पर जीत औऱ बढ़त हासिल कर रखी है. भाजपा के एक शख्स ने इस राज्य में लेफ्ट की लंका लगा दी. खास बात ये है कि ये शख्स न तो कभी लाइमलाइट में आया औऱ न ही कभी ये फ्रंट में रहा. पर्दे के पीछे से इस शख्स ने ऐसी रणनीति बनाई कि लेफ्ट का किला ढह गया.
इस शख्स का नाम है सुनील देवधर. भाजपा ने रणनीति बनाने के लिए इस शख्स को चुना. मूल रुप से मराठी देवधर की खासियत है कि वे बेहद सहजता से बंगाली बोलते हैं. लंबे समय से संघ के प्रचारक रहे हैं. जमीनी हकीकत जानने में इनका बड़ा योगदान रहा. देवधर ने पार्टी के लिए ग्रासरुट लेवल पर काम किया. उन्होंने न सिर्फ स्थानीय भाषाएं सीखी बल्कि लोगों के साथ बेहद सहजता से मेल-जोल बढ़ाया.
देवधर ने विभिन्न पार्टियों के असंतुष्ट नेताओं से संपर्क किया. उनसे बातचीत की. उनको भरपूर सम्मान दिया. जिसका नतीजा रहा कि विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कई दलों के नेता भाजपा में शामिल हुए. उन्होंने न सिर्फ नेताओं बल्कि पार्टियों के विधायकों को भी भाजपा में शामिल कराया. ये देवधर ही थे जिन्होंने त्रिपुरा में मोदी लाओ, माणिक हटाओ का नारा दिया.
बेहद खामोशी से काम करने वाले देवधर की मेहनत का नतीजा रहा कि भाजपा ने आज अपना झंडा त्रिपुरा में लहरा दिया है.