सतीश दुबे, डबरा। मध्य प्रदेश के डबरा नगर पालिका एक बार फिर राजनीतिक अखाड़ा बनेगी। इस बार अध्यक्ष पद में बदलाव को लेकर नगर पालिका के पार्षदों में सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। नगर पालिका की अध्यक्ष लक्ष्मी देवी के कार्यकाल को दो साल पूरे होने को है। इन दो सालों में शहर में विकास का पहिया थम गया है। जिसके चलते हर कोई चाहता है कि अध्यक्ष पद में बदलाव हो।

अपने कार्यकाल में असफल रही अध्यक्ष

नगर पालिका अध्यक्ष लक्ष्मी देवी के दो साल के कार्यकाल में शिक्षित न होना और राजनीतिक दबाव के कारण निर्णय लेने में पूरी तरह से असफल रही। ऐसे में उनका आगे का कार्यकाल नए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देकर किसी और को मिलने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। सूत्र की माने तो इस अध्यक्ष पद के दावेदारों ने अन्य पार्षदों को साधना शुरू कर दिया है।

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4 अगस्त 2022 को पूर्व मंत्री इमरती देवी समर्थक लक्ष्मी देवी को 24 पार्षदों ने वोट देकर अध्यक्ष चुना था। इस दौरान भाजपा ने मैंडेट जारी कर अध्यक्ष लक्ष्मी देवी और उपाध्यक्ष कपिल खटीक का नाम तय किया था। लेकिन मैंडेट के हिसाब से अध्यक्ष का चुनाव हुआ और भाजपा से नाम तय उपाध्यक्ष पद के दावेदार कपिल खटीक को हार मिली।

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वार्ड13 के कांग्रेस पार्षद हीरा सिंह ने बताया कि, डबरा में विकास का पहिया रुका हुआ है। सड़कें खुदी पड़ी है। अध्यक्ष अपनी मनमानी करती हैं। विपक्ष के पार्षदों को दबा कर रखना उनकी मंशा है। बदलाव प्रकृति का नियम है। हम सभी पार्षद बैठक करेंगे और निर्णय लेंगे।

वार्ड 27 के भाजपा महिला पार्षद पति महेश कुशवाह ने बताया कि, मेरी खुद की वार्ड में पानी की किल्लत है। कोई सुनने वाला नगर पालिका में नहीं है। अध्यक्ष को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, अगर सभी लोग साथ देंगे तो हम साथ हैं। उन्होंने कहा कि, अध्यक्ष को काम करना चाहिए, लेकिन वो किसके दबाव में रहकर काम नहीं कर रही ये वही जाने।

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