दिल्ली. आजकल सन्यासी राज-काज में ज्यादा ही दिलचस्पी लेने लगे हैं. जिनको बाबागीरी करनी चाहिए वो राजनीति और समाज की दुनियादारी में व्याकुल हैं. ऐसे ही एक नए-नए धर्माचार्य ने ऐसा बयान दिया है कि बाबाजी खुद निशाने पर आ गए हैं.

दरअसल खुद को अखिल भारतीय संत परिषद का राष्ट्रीय संयोजक बताने वाले नरसिम्हा सरस्वती ने एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने मुसलमानों को देश की बढ़ती आबादी के लिए जिम्मेदार बताते हुए हिंदुओं से अपील की कि हर हिंदू को चार बच्चे पैदा करने चाहिए. हिंदुओं को बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी संतों पर छोड़ देना चाहिए. संत उन बच्चों का पालन पोषण कर लेंगे.

बाबा जी इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपनी जनसंख्या बढ़ाकर इस देश पर कब्जा करना चाहते हैं. भारत हिंदुओं की शरणस्थली है. नरसिम्हा सरस्वती ने कहा कि देश को इस वक्त मुसलमानों की आबादी से है. जब तक बच्चे पैदा करने पर कोई कानून नहीं बन जाता तब तक हर हिंदू को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि जहां भी मुसलमानों की आबादी तीस फीसदी से ज्यादा है उस जगह इन्होंने किसी भी अल्पसंख्यक को नहीं बख्शा है.

इन कथित संत के इस बयान के बाद देश में इनके बयान की आलोचना शुरु हो गई है. लोगों ने सवाल भी उठाना शुरु कर दिया है कि अगर ऐसे स्वामी सन्यासी इस किस्म की बातें करेंगे तो समाज का होगा क्या.