एक लाख छिद्रों वाला भव्य शिव मंदिर छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर पर खरौद नामक शहर में स्थित है. खरौद छत्तीसगढ़ का प्रमुख कला केंद्र है और इस स्थान पर मोक्ष की प्राप्ति भी होती है, इसीलिए इसे छत्तीसगढ़ का काशी भी कहा जाता है.
मान्यता अनुसार श्रीराम ने खर और दूषण का यहीं पर वध किया था. इसीलिए इस जगह का नाम खरौद है. कहा जाता हैं कि यहां पूजा करने से ब्रह्महत्या के दोष का भी निवारण हो जाता है. शिवलिंग में दिव्य एवं अद्भुत एक लाख छिद्र है. लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में मौजूद शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं लक्ष्मण जी ने की थी.
सावन के सभी सोमवार पर यहां भव्य मेला लगता है. शिव भक्तों की काफी भीड़ उमड़ती है. कहा जाता है कि जब भगवान श्रीराम ने लंकापित रावण का वध किया था तब श्रीराम ने ब्रह्महत्या के दोष का निवारण के लिए नहीं शिव पूजा की थी.
ब्रम्ह हत्या के दोष से मुक्ति के लिए खर और दूषण की नगरी खरौद में लक्ष्मण जी ने स्वयं भू शिव लिंग की पूजा की थी. इस कारण इस शिव मंदिर को लक्ष्मणेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है. भगवान ने ब्रम्ह हत्या के पाप से मुक्ति के लिए एक लाख शिव लिंग की पूजा की. जिसके कारण आज भी खरौद से स्थापित शिव लिंग में एक लाख छिद्र हैं. इन छिद्र की गहराई का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. जिसके कारण इस शिव लिंग को स्वयं भू भी कहा जाता है. खरौद का लक्ष्मणेश्वर मंदिर ऐसा मंदिर है जहां सावन महीना में श्रद्धालु एक लाख चावल का दाना चढ़ाते है और अपनी मनोकामना पूरी करते हैं.
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