दिल्ली. भले ही हमने आज खूब तरक्की कर ली हो औऱ विज्ञान ने बड़े-बड़े अविष्कार कर लिए हों लेकिन समाज में दकियानूसी औऱ बेहद विकृत सोच वाले लोगों की कमी नहीं है. खास बात ये कि लोगों की सोच पर उनकी पढ़ाई-लिखाई औऱ शिक्षा का कोई असर नहीं पड़ा है. केरल के ऐसे ही एक प्रोफेसर ने अपने बयान से लोगों को शर्मसार कर दिया.
दरअसल, केरल के कलाड़ी कस्बे के श्री शंकर संस्कृत विश्वविद्यालय के बाटनी के प्रोफेसर हैं. प्रोफेसर रजित कुमार. कहने को तो कुमार साहब बेहद सम्मानित पेशे में हैं. बच्चों को पढ़ाने औऱ सिखाने का दायित्व इनके कंधे पर है लेकिन ये बच्चों को क्या सिखाते होंगे. इनके बयान के बाद खुद अंदाजा लगा सकते हैं.
प्रोफेसर साहब केरल के कासरगोड में छात्रों को जागरुक कर रहे थे. जागरुक करते-करते ऐसा वाहियात बयान दे दिया कि साहब खुद निशाने पर आ गए. दरअसल प्रोफेसर साहब ने जागरुकता क्लास में बयान दिया कि- जींस-टीशर्ट पहनने वाली औऱ पुरुषों की तरह वेशभूषा पहनने वाली लड़कियां सिर्फ ट्रांसजेंडर या नामर्दों को ही जन्म देंगी. इतना ही नहीं उन्होंने अपने इस भद्दे बयान को डिफेंड करने के लिए केरल का उदाहरण भी दिया. प्रोफेसर साहब ने बताया कि केरल में 6 लाख से ज्यादा ट्रांसजेंडर हैं. इनकी घटिया जुबान यहीं नहीं रुकी, प्रोफेसर साहब ने अपने दिव्य ज्ञान से बताया कि जिन बच्चों के माता-पिता अच्छे चाल-चलन के नहीं होते हैं उनके बच्चे आटिज्म औऱ सेरिब्रल-पाल्सी जैसे गंभीर रोगों के शिकार होते हैं. अब ऐसी-ऐसी फाड़ू रिसर्च प्रोफेसर साहब कहां से लेकर आए वो तो वही जानें लेकिन इनकी सोच ये साफ करती है कि महिलाओं को लेकर आज भी बहुत सारे पुरुषों की वाहियात औऱ पुरुषवादी सोच कायम है.
वैसे ये बयान प्रोफेसर साहब को उल्टा पड़ गया है. राज्य सरकार इनके इस बयान के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने जा रही है औऱ उसने फैसला लिया है कि कम से कम आगे से उनको छात्रों को जागरुक करने के लिए चलाई जा रही जागरुकता कक्षाओं से दूर रखा जाएगा. केरल की स्वास्थ्य मंत्री के.शैलजा ने कहा है कि रजित कुमार के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी क्योंकि ये लगातार महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं.
वैसे जिस राज्य में एक प्रोफेसर की महिलाओं के प्रति सोच ये होगी वहां आम इंसान से किस जागरुकता की उम्मीद की जा सकती है. देखना है कि प्रोफेसर साहब को कोई सजा या सबक मिलता है या फिर उनके बकवास किस्म के प्रवचन यूं ही जारी रहेंगे.