अजय गुप्ता,कोरिया. जब कुछ कर गुजरने का जुनून दिल में हो तो उम्र आड़े नहीं आया करती. इस बात को सच कर दिखाया है. जिले के चरचा कालोनी में रहने वाली श्रेया ने. जहां कर्नाटक में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की स्केटिंग में सात वर्षीय श्रेया ने रोलर स्केटिंग प्रतियोगिता में लगातार बहत्तर घंटे तक स्केटिंग कर क्षेत्र को गौरवांवित  कर दिया है. अखिल भारतीय स्तर की इस प्रतियोगिता में देश भर के चुनिंदा पचास प्रतिभागियों के बीच श्रेया ने इतनी कम उम्र में ऐसा रोमांचक प्रदर्शन कर सबको आर्श्चय चकित कर दिया है.इतना ही नहीं श्रेया के स्केटिंग के दौरान झमाझम बारिश भी हुई लेकिन श्रेया नहीं रुकी और 72 घंटे तक स्केटिंग कर कई बड़े रिकॉर्डों को अपने नाम कर लिया.

मां का रहा बड़ा योगदान

 आपको बता दें कि  श्रेया के इस प्रदर्शन के पीछे उनकी मॉ अंजली सिंह का बहुत बडा योगदान है. वे स्वयं अपनी बेटी की कोच हैं.  श्रेया की मां ने भी वर्ष 2010 में रोलर स्केटिंग में ही तीस घंटे तक लगातार प्रदर्शन कर लिम्का बुक अफ रिकॉर्ड एवं गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया था.

अपनी मां के नक्शे कदम पर चलते हुए श्रेया सिंह का चयन छत्तीसगढ स्तर पर हुआ था. प्रदर्शन के आधार पर कर्नाटक के बेलगांव में 31 मई से 3 जून तक चलने वाली राष्ट्रीय स्तर की स्केटिंग प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिला. इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के पचास प्रतिभागी शामिल हुये थे.

कई रिकॉर्डों में किया नाम दर्ज

 इस प्रतियोगिता में हैरतअंगेज प्रदर्शन करते हुए श्रेया ने अपना  प्रदर्शन शुरू किया तो किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि यह नन्ही सी गुडिया एेसा प्रदर्शन करेगी. पहले मिनट फिर घंटे फिर लगातार बहत्तर घंटे तक स्केटिंग कर श्रेया ने अपना नाम एशिया बुक अफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक अफ रिकॉर्ड, ग्लोबल रिकॉर्ड, एशिया-पैसिफिक रिकॉर्ड, नेशनल रिकॉर्ड सहित कई अन्य रिकॉर्डो में अपना नाम दर्ज करा लिया.

जिस समय श्रेया प्रदर्शन कर रही थी उस समय अचानक तेज बारिश होने लगी लेकिन झमाझम बारिश के बीच भी श्रेया ने अपना प्रदर्शन जारी रखा. यही वजह थी कि उसने लगातार बहत्तर घंटे तक प्रदर्शन कर पूरे देश में छत्तीसगढ को गौरवांवित किया. श्रेया की इस बेहतर उपलब्धि पर आयोजन समिति ने उसका सम्मान भी किया है.

अन्य बच्चों को भी देना चाहती हैं प्रशिक्षण

चरचा कालरी कोयलांचल क्षेत्र है यहां बच्चों के लिए खेल संसाधन होने का दावा किया जाता है लेकिन इस नन्ही परी के लिए संसाधनों की कोई व्यवस्था नहीं थी. इसके बावजूद भी श्रेया की कोच उनकी मां अंजली सिंह ने बेटी को लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.

उल्लेखनीय है कि लगभग 8 वर्ष पूर्व वर्ष 2010 में श्रेया की मां अंजली ने लगातार 30 घंटे तक स्केटिंग की थी. उनके इस प्रदर्शन से उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया जा चुका है.  अपनी बेटी के प्रदर्शन से उत्साहित अंजली सिंह का कहना है कि वे अपनी बेटी की तरह अन्य बच्चियों को स्केटिंग का प्रशिक्षण देना चाहती हैं. पेशे के कान्टे्रक्टर मुकेश सिंह व उनकी पत्नि अंजली सिंह ने बताया कि यदि उन्हें खेलमंत्री का सहयोग मिले तो न केवल कोरिया जिले से बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी अच्छी प्रतिभाएं सामने आ सकती हैं. बहरहाल श्रेया के इस प्रदर्शन से उन खिलाडियों को भी  प्रेरणा मिलेगी जो किसी भी खेल विधा में आगे बढना चाहते हैं.