मुंबई. दूध और खाद्य सामग्री में मिलावट कर, नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने नकेल कसने का फैसला किया है. महाराष्ट्र सरकार ने खाद्य सामग्री में मिलावट करने को गैर-जमानती अपराधों की श्रेणी में शामिल करने का प्रस्ताव रखा है. दोषी को इस जुर्म में उम्र कैद की सजा का प्रावधान रखा गया है, ऐसी जानकारी महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरिश बापट ने विधान परिषद दी.
नागपुर में महाराष्ट्र विधानमंडल का विंटर सेशन चल रहा है. इस दौरान विधान परिषद में प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य भाई जगताप ने इस संदर्भ में मुद्दा उठाया. उनके सवाल के जवाब में खाद्य एवं नागरिक मंत्री ने कहा कि मिलावट के जुर्म को गैर-जमानती अपराधों की श्रेणी में शामिल किया जाएगा. इससे पहले यह जमानती अपराध था और अपराध के लिए सिर्फ 6 महीने के कारावास की सजा थी. इस वजह से गुनहगार को कानून का खौफ नहीं था.
अब यह अपराध गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाएगा. इस संदर्भ में कानून को और कठोरता सें लागू किया जाएगा. अपराध की तीव्रता देखकर गुनहगार को कम से कम 6 महीना और ज्यादा से ज्यादा उम्र कैद की सजा हो सकती है, ऐसा भी बापट ने स्पष्ट किया. बता दें कि मिलावटखोरी के खिलाफ महाराष्ट्र में लोग कठोर बनाए जाने की मांग कर रहे थे.