रायपुर. गर्मियों के दिनों में अक्सर लोगों को बिजली कटौती की मार झेलने पड़ती है, लेकिन इस बार प्रदेश में स्थिति बदली हुई है, न केवल कटौती से राहत मिल रही है, बल्कि बिल भी हाफ आने लगा है. यह बिजली की भरपूर उपलब्धता की वजह से संभव हुआ है. वर्तमान में प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 4480 मेगावॉट तक पहुंच रही है, जबकि उपलब्धता 4630 मेगावॉट की है. इस तरह से हमारे पास 150 मेगावाट अधिक बिजली की उपलब्ध है.
विकास करते हमारे प्रदेश में शहर से लेकर गांवों तक निर्माण कार्य जारी है. इसके साथ बिजली की व्यवस्था को व्यवस्थित करने का काम जारी है. इन कार्यों के अलावा आंधी-तूफान की वजह से लाइन के क्षतिग्रस्त होने या फिर स्थानीय समस्या की वजह से बिजली आपूर्ति में क्षणिक व्यवधान हो सकता है, लेकिन राज्य स्तर पर बिजली की आपूर्ति अबाध रूप से जारी है. जानकार बताते हैं कि पिछले तीन महीने का आंकलन करें तो पूरे प्रदेश में प्रतिमाह अधिकतम आठ घंटे ही विद्युत व्यवधान हुआ है, जो एक प्रतिशत से भी कम है.
आधे दर पर मिलने लगी बिजली
एक तरफ जहां निर्बाध बिजली की आपू्र्ति हो रही है, वहीं अप्रैल महीने से लोगों का बिजली बिल भी हाफ हो गया है. राज्य सरकार ने बजट में 400 करोड़़ रुपए का प्रावधान करते हुए अप्रैल माह से 400 यूनिट बिजली खपत पर बिल हाफ करने का एलान किया था, जिसका असर पिछले कुछ दिनों से लोगों को बिजली बिल हाथ में आने से नजर आने लगा है. इसके साथ ही हाल ही में विद्युत नियामक आयोग की ओर से बिजली की दरों में की गई कमी का भी फायदा हो रहा है. अब तक बिजली बिल के हाथ में आने से पहले ही सहम जाने वाले उपभोक्ताओं के लिए पहली बार इतनी सारी खुशियां मिल रही हैं.
बकाया अदा कर ले सकते हैं योजना का लाभ
वहीं कुछ उपभोक्ताओं की शिकायत है कि उनके बिजली बिल में कोई अंतर नहीं आया है. जानकार इसके पीछे उनके पुराने बकाए को वजह बताते हैं. दरअसल, पिछला बिल अदा नहीं करने की वजह से उन्हें यह राहत नहीं मिल पा रही है. इस समस्या से भी राहत देने के लिए फोटोस्पॉट बिलिंग की व्यवस्था की जा रही है, जिससे मीटर रीडर या अन्य किसी की मिलीभगत से गड़बड़ी की भी आशंका खत्म हो गई, वहीं समय पर उपभोक्ता अपने बिल का भुगतान कर सकेंगे.
किसानों को भी मिली राहत
बिजली पर घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा बहुत से किसान पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए निर्भर रहते हैं, ऐसे किसानों के लिए राहत की बात है कि राज्य सरकार ने 5 एचपी तक के पंप के लिए नि:शुल्क बिजली प्रदान करने का निर्णय लिया है. इसके साथ नए पंप लगाने के लिए भी बजट में अलग से राशि का प्रावधान किया गया है, जिससे नए कनेक्शन के लिए किसानों को किसी का मोहताज न होना पड़े, और जरूरत के समय अपनी फसलों को पर्याप्त पानी दे सके.