चेन्नै. अक्सर हमने टीचर्स की सख्ती की कहानियां सुनी हैं. हाल ही में ऐसी कई सारी खबरें भी आई की टीचर्स की पिटाई से बच्चों की जान तक चली गई. इन सारी बुरी चीजों के बीच तमिलनाडु में एक टीचर ऐसे भी हैं जो बच्चों की गलतियों पर उनके सामने हात जोड़कर बेहद विनम्रता से झुक जाते हैं. आखिर इस विनम्रता पर कौन न मर मिटे.
तमिलनाडु के छोटे से कस्बे विल्लुपुरम के सरकारी स्कूल के हेड मास्टर हैं. जी बालू. इनको आप अक्सर बच्चों के घरों पर हाथ जोड़कर घुटनों के बल बैठे देख सकते हैं. दरअसल बालू उन बच्चों से जो स्कूल नहीं आते या स्कूल आने में आनाकानी करते हैं उनके घर सीधे पहुंच जाते हैं. वे ऐसे बच्चों के घर सीधे पहुंच जाते हैं और उन बच्चों के सामने दोनो हाथ जोड़कर और घुटने टेककर उनसे रिक्वेस्ट करते हैं कि वे रेगुलरली क्लास अटेंड करें.
इसके पीछे बालू साहब की बेहद ठोस वजह है. वे कहते हैं कि मैं ऐसे बच्चों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि वे क्लास अटेंड करें और शिक्षा ग्रहण करें क्योंकि ये सिर्फ शिक्षित होकर ही वे समाज में तरक्की कर सकते हैं. अब तक बालू करीब 150 से भी ज्यादा बच्चों के घर जाकर उन्हें स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित कर चुके हैं. उनके इस बेहद नायाब तरीके से न सिर्फ बच्चों के परिजन प्रभावित हैं बल्कि बच्चे अपने टीचर के इस विनम्र आचरण के कायल हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि इस इलाके में ज्यादातर लोग मजदूर और किसान हैं ऐसे में मैं उनके घर हाथ जोड़कर घुटनों के बल बैठकर उनको ये बताता हूं कि मैं और आप दोनों एक समान हैं. मैं उन्हें बताता हूं कि शिक्षा ही एकमात्र ऐसी चीज है जो उनको बच्चों का भविष्य बदल सकती है. बच्चे जब एक टीचर को खुद के सामने हाथ जोड़कर खड़ा देखते हैं तो वो स्वीकार करते हैं कि मैं ईमानदारी से उनके जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास करता हूं और वे मेरा भरपूर साथ देते हैं.
गौरतलब है कि तमिलनाडु पिछले कुछ सालों में टीचर्स की कड़ाई के चलते कई छात्रों की मौत का गवाह बना है. ऐसे में बालू का ये प्रयास न सिर्फ सराहनीय है बल्कि शिक्षा देने के उनके इस अभिनव तरीके की हर कोई तारीफ कर रहा है.