रायपुर- छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी चितरंजन खेतान के एक ट्वीट की खूब चर्चा हो रही है. इस ट्वीट को पढ़ने से ऐसा लगता है कि वह नेताओं की तीमारदारी से परेशान हैं. उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए कलेक्टरों की स्थिति को बयां किया है. हालांकि उनके इस ट्वीट के पीछे छिपा संदर्भ स्पष्ट नहीं है.

चितरंजन खेतान ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘ कलेक्टर पर ही सारी जिम्मेदारी और उसी से सबकी नाराजगी. वो बहुत अच्छा भी और बहुत खराब भी. नेताओं के काम वो बनाए और नेताओं की डांट वो खाए. क्या करें, क्या न करें, बोल मेरे भाई?

खेतान इन दिनों राजस्व मंडल के चेयरमेन है. आर पी मंडल को जब मुख्य सचिव बनाया गया तब वह भी इस दौड़ में शामिल थे, लेकिन सरकार ने मंडल के नाम पर मुहर लगाई थी. चूंकि दोनों का बैच एक है, लिहाजा उन्हें मंत्रालय से हटाकर राजस्व मंडल की जिम्मेदारी सौंप दी गई.

चितरंजन खेतान का यह ट्वीट ही नहीं, बल्कि ट्विटर पर साझा किया गया उनका बायो भी दिलचस्प है. इस पर उन्होंने अपने बारे में लिखते हुए बताया है कि वह ब्यूरोक्रेट हैं,लेकिन यस मैन नहीं है. राइटर हैं, लेकिन दरबारी नहीं है. ट्रेवलर है, लेकिन टूरिस्ट नहीं है. फोटोग्राफर है,लेकिन क्रिएटर नहीं है.

इधर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का सियासी बयान

आईएएस चितरंजन खेतान के ट्वीट के बहाने पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि- इस सरकार की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि कोई किसी की सुन नहीं रहा है. कोई काम नहीं हो रहा है. अधिकारियों की भी नहीं सुनी जा रही है. ऐसे में वे परेशान हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये केवल आईएएस अफसरों का ही दुख नहीं बल्कि सभी अफसरों का दुख है. उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. उनको केवल सुनाया है.