लखनऊ. फरवरी का दूसरा हफ्ता लव बर्ड्स और यूथ के लिए बेहद खास होता है. इसे यूं तो वैलेंटाइन वीक ही कहा जाता है. जिसे लेकर यंगस्टर्स बेहद क्रेजी भी होते हैं. इस दौरान कई लोग अपनी दकियानूसी औऱ वाहियात सोच का प्रदर्शन भी करने से नहीं चूकते. बेहद पढ़े लिखे और समझदार लोगों की श्रेणी में आने वाले प्रोफेसर जब वैलेंटाइन डे को लेकर बेवकूफी भरे काम करें तो उन्हें क्या कहेंगे.
दरअसल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्राक्टर साहब ने एक ऐसा तुगलकी फरमान जारी किया है जिसके जारी होते ही बवाल शुरु हो गया है. लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बकायदा छात्रों को लेकर एक एडवायजरी जारी की है. इस एडवायजरी में साफ-साफ कहा गया है कि वैलेंटाइंस-डे के दिन यूनिवर्सिटी में किसी किस्म की पढ़ाई लिखाई नहीं होगी. इसलिए वे इस दिन कैंपस में न आएं.
एडवायजरी में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों से साफ कहा है कि इस दिन कैंपस भूलकर भी न आएं. अगर वे इस दिन यूनिवर्सिटी भूलकर भी आते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ छात्रों में जमकर गुस्सा है. अब छात्र यूनिवर्सिटी प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ एकजुट हो गए हैं. वे इसका जोर-शोर से विरोध कर रहे हैं.
छात्रों के मुताबिक छुट्टी के दिन कैंपस आना या न आना उनका फैसला है. उनको यूनिवर्सिटी न आने का फरमान जारी करने का फैसला सिर्फ यूनिवर्सिटी प्रशासन की तालिबानी सोच को ही दर्शाता है. वैसे शिक्षा के मंदिर में इस किस्म की दकियानूसी बातों की कल्पना कोई पढ़ा-लिखा आदमी नहीं कर सकता है. इस किस्म की सोच रखने वाले प्रोफेसर किस किस्म के छात्र तैयार करेंगे ये तो भगवान ही जान सकता है.