कुंदन कुमार, पटना. बिहार पुलिस मुख्यालय ने होली के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिसकर्मियों और सरकारी संपत्ति पर हुए हमलों को लेकर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। एडीजी हेडक्वार्टर कुंदन कृष्णन और एडीजी लॉ एंड आर्डर पंकज दराद ने इस दौरान कई अहम जानकारियां साझा करते हुए कानून व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि, जिन लोगों ने पुलिस पर हमला किया है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और यदि जानलेवा स्थिति उत्पन्न हुई तो पुलिस गोली चलाने से भी पीछे नहीं हटेगी।

10 स्थानों पर पुलिस पर हमला

एडीजी पंकज दराद ने बताया कि, होली के त्योहार के दौरान राज्य के कम से कम 10 जिलों में पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अमले पर हमले हुए। इनमें मुंगेर, भागलपुर, बेगूसराय, वैशाली, और समस्तीपुर जैसे संवेदनशील जिले शामिल हैं। मुंगेर में तो 112 इमरजेंसी रिस्पांस टीम पर भी हमला किया गया, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी घायल हुआ। कई जगहों पर पुलिस वाहनों और चौकियों पर पथराव की घटनाएं भी दर्ज की गईं।

एडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा, ये घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि राज्य सरकार के प्रति अराजक तत्वों की बगावत भी हैं। हम इन्हें बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि हमलों में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

मुंगेर में 112 टीम पर हमला

मुंगेर में हुई घटना ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया। दरअसल, होली के दिन जब 112 की टीम एक इमरजेंसी कॉल पर पहुंची, तो एक समूह ने उन पर अचानक हमला बोल दिया। हमलावरों ने पत्थरबाजी की और वाहनों को नुकसान पहुंचाया। इस घटना में एक सुरक्षाकर्मी के सिर में चोट आई, जिसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। एडीजी दराद ने इस घटना को “असहनीय” बताते हुए कहा कि आपातकालीन सेवाओं पर हमला समाज के खिलाफ अपराध है।

पुलिस पर हमले के पीछे वजह?

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने सवाल किया कि आखिर पुलिस पर हमले की वजह क्या है? इस पर एडीजी कृष्णन ने कहा कि, कुछ अपराधी गिरोह और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त तत्व जानबूझकर अराजकता फैलाना चाहते हैं। होली जैसे त्योहारों का इस्तेमाल वे अवसरवादी रूप से करते हैं। उन्होंने यह भी इशारा किया कि कुछ मामलों में शराब और नशीले पदार्थों का सेवन भी हिंसा को बढ़ावा देता है।

‘गोली चलाने में नहीं होगी हिचक’

एडीजी पंकज दराद ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि पुलिस पर हमला करने वालों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। उन्होंने कहा, अगर किसी पुलिसकर्मी की जान को खतरा होगा, तो वह आत्मरक्षा में गोली चलाने के लिए बाध्य होगा। हमने अपने जवानों को यह निर्देश दिए हैं कि वे अपनी सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएं।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हमलों में शामिल लोगों का “हश्र बहुत बुरा होगा”। पुलिस ने सभी घटनाओं की एफआईआर दर्ज कर ली है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तारियां की जा रही हैं।

डीजे, लाउडस्पीकर और ऑर्केस्ट्रा पर प्रतिबंध जारी

कानून व्यवस्था को केंद्र में रखते हुए पुलिस ने घोषणा की कि डीजे, लाउडस्पीकर और ऑर्केस्ट्रा पर प्रतिबंध अभी लागू रहेगा। एडीजी कृष्णन ने बताया कि यह निर्णय शोर प्रदूषण और सार्वजनिक शांति भंग होने की घटनाओं को रोकने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा, “हम त्योहारों का आनंद लेने के अधिकार का सम्मान करते हैं, लेकिन कानून का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अतिरिक्त बॉडीगार्ड वापस बुलाने का निर्णय

एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों को आवश्यकता से अधिक बॉडीगार्ड दिए गए हैं, उन्हें वापस बुलाया जा रहा है। एडीजी दराद के अनुसार, यह कदम सुरक्षा बलों के बेहतर आवंटन के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि, कुछ लोगों के पास 10-12 बॉडीगार्ड हैं, जबकि वास्तविक जरूरत केवल 2-3 की होती है। इन संसाधनों का उपयोग जनता की सुरक्षा में किया जाएगा।”

पुलिस की नई रणनीति और जनता से अपील

इन घटनाओं के बाद पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ाने, ड्रोन निगरानी और स्थानीय संदिग्धों पर नजर रखने का फैसला किया है। साथ ही, एडीजी कृष्णन ने जनता से अपील की कि वे कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और आगे की राह

इस मामले पर राजनीतिक दलों ने भी प्रतिक्रिया दी है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर कानून व्यवस्था विफल होने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने इन घटनाओं को “सरकारी लापरवाही” बताया। वहीं, पुलिस प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

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