सहारनपुर. मौलवियों ने रविवार को कहा कि प्राचीन पूजा स्थलों पर पिछले विवादों को बार-बार उठाना देश में शांति और सद्भाव के लिए ठीक नहीं है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा देवबंद में बुलाई गई एक बैठक के दौरान मौलवियों ने समुदाय को धैर्य रखने के लिए कहा और कहा कि भारत भी उनका है और जो मुसलमानों को पाकिस्तान जाने के लिए कह रहे हैं, वे खुद वहां चले जाएं.

मौलाना महमूद मदनी ने कहा, “हमारे पास पाकिस्तान जाने का विकल्प था, लेकिन हमने यहीं रुकना चुना. जो लोग हमें अभी वहां भेजना चाहते हैं, वे खुद जा सकते हैं.” मदनी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह संविधान की भावना के खिलाफ है, जो प्रत्येक नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता देता है.

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बैठक में ज्ञानवापी विवाद और यूसीसी पर प्रस्ताव भी पारित किए गए. मौलवियों ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 का हवाला देते हुए कहा कि कुछ लोग जानबूझकर इस मुद्दे पर विवाद पैदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “हम शरीयत के मामलों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे.”

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